ट्रेन के सफर में यात्रियों को मिलेगी डिजिटल सुरक्षा, अब सैटेलाइट से होगी रेलवे की निगरानी
बताई गई मैपिंग के हिसाब से सैटेलाइट में चिह्नित स्थान अपलोड होगा, जिससे 24 घंटे उन पर नजर रखी जा सकेगी.
कई बार छोटी-छोटी गलतियां हादसों का रूप ले लेती हैं. ऐसे में कोशिश यही की जाती है, इन गलतियों से सबक लेकर हादसों को टाला जा सके. ट्रेन के सफर के दौरान भी यही उम्मीद की जाती है. अगर आप भी ट्रेन का सफर करते हैं, तो आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे एक नया कदम उठाने जा रही है. सुरक्षा के लिए रेलवे ने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान) के साथ समझौता किया है. इसरो की सैटेलाइट रेलवे की सम्पत्तियों की निगरानी करेगी.
रेलवे ने अपनी सम्पत्ति और जमीन की सुरक्षा के लिए इसरो के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर लिए हैं और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए रेलवे ने सभी मंडलों को सभी संपत्तियों का डाटा संकलन करने के दिशा-निर्देश दिए हैं. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक मंडल में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा, जहां रेलवे के अधिकारी सभी संपत्तियों की जानकारी मुख्य कंट्रोल रूम को देंगे. इसके जरिए इसरो के पास पूरी जानकारी भेजी जाएगी, जहां चिह्नित स्थानों को सैटेलाइट में फीड किया जायेगा.
इसके साथ ही, कहा यह भी जा रहा है कि रेलवे की सभी संपत्तियों का खाका तैयार किए जाने के बाद जीआईएस पोर्टल विकसित किया जाएगा. यह पूरी तरह से जीपीएस प्रणाली पर आधारित होगा. इसका कार्य जोरशोर से चल रहा है, फिलहाल, प्रगति के लिहाज से कार्य इस साल के दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है. बताई गई मैपिंग के हिसाब से सैटेलाइट में चिह्नित स्थान अपलोड होगा, जिससे 24 घंटे उन पर नजर रखी जा सकेगी. इसमें रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं. इसके अलावा, इसके जरिए रेलवे ट्रैकों पर भी नजर रखी जा सकेगी ताकि ट्रैक और सिग्नल उपकरणों की खामी को पकड़ा जा सके. ट्रैकों के काम भी ऑनलाइन दिखेंगे.