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प्राचीन मंदिरों का शहर है बनवासी, 9वीं सदी में बने थे शिव मंदिर

उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित बनवासी शहर वरदा नदी के किनारे बसा है. इसकी सीमा शिवमोगा जिला से लगती है. बनवासी पश्चिमी घाट के जंगलों के बीच दबा है.

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Fri, 29 Dec 2017 05:21 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 05:20 AM (IST)
प्राचीन मंदिरों का शहर है बनवासी, 9वीं सदी में बने थे शिव मंदिर

नए साल की शुरुआत अगर आप किसी धार्मिक जगह पर जाकर करना चाहए हैं, तो आप प्राचीन मंदिरों की यात्रा के लिए बनवासी घूम सकते हैं. यहां आपको हजारों प्राचीन मंदिर दिख जाएंगे. आइए, जानते हैं मंदिरों के शहर बनवासी के बारे में. 

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4000 साल पुराना है मंदिरों का शहर 

उत्तर कन्नड़ ज़िले में स्थित बनवासी शहर वरदा नदी के किनारे बसा है. इसकी सीमा शिवमोगा जिला से लगती है. बनवासी पश्चिमी घाट के जंगलों के बीच दबा है. बनवासी प्राचीन मंदिरों का शहर है, जिसकी जड़ें 4000 ईसा पूर्व पुरानी हैं. यह मधुकेशवर मंदिर के निकट से बढ़ता गया है. यह मंदिर 9वीं शताब्दी में बना था और भगवान शिव को समर्पित है. नाम के पीछे की कहानी बनवासी नाम ‘बन’ और ‘वासी’ शब्दों से आया है जिसका मतलब ‘जंगल’ और ‘बसंत’ है. यह शहर जंगलों से उत्पन्न हुआ और इसलिए इसका यह नाम पड़ा.

कैसे जाएं

बनवासी बैंगलोर से 374 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सबसे निकटतम हुबली का हवाई अड्डा 100 किलोमीटर दूर है. बनवासी से निकटतम रेलवे स्टेशन हावेरी, 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. 

कब जाएं

बनवासी जाने का अच्छा समय इस मठ शहर को देखने का सबसे उचित समय दिसम्बर का महीना है, जब राज्य सरकार एक भव्य समारोह का आयोजन करती है, जिसको कदम्बोत्सरव कहते हैं. यह समारोह सांस्कृतिक होने के साथ-साथ भव्य होता है, जिसमें क्षेत्रीय नृत्य एवं कलाएं जैसे यक्षगान और संगीत का प्रदर्शन किया जाता है. 


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