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    Historical Places In India: क्या आप इन 5 भारतीय स्मारकों के बारे में जानते हैं जिन्हें महिलाओं ने बनवाया था, जानिए इतिहास

    By Shahina NoorEdited By:
    Updated: Wed, 29 Sep 2021 12:00 PM (IST)

    भारत में राजा महाराजाओं द्वारा स्मारको को बनाने का चलन था जिसमें महिला शासक भी पीछे नहीं रही। देश में ज्यादातर स्मारक अपनी पत्नी पुत्र और पिता की याद में ही बनाए गए थे। भारत में कुछ चुनिंदा स्मारकों का निर्माण देश की महिला शास्कों ने भी कराए थे।

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    हुमायूं के मकबरे का निर्माण हुमायू की बेग़म, हामिद बानो बेग़म ने करवाया था।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारतीय इतिहास में शक्तिशाली महिला शासकों की कमी नहीं है जिन्होंने अपनी विरासत को मज़बूत बनाने के लिए कई स्मारकों का निर्माण किया, साथ ही अपने साम्राज्य का विकास किया। भारत में राजा महाराजाओं द्वारा स्मारको को बनाने का चलन था, जिसमें महिला शासक भी पीछे नहीं रही। उन्होंने भी देश में कई ऐसे खूबसूरत स्मारक बनाएं जिसमें बारीक नक्काशी, वास्तुकला और एतिहासिक का महत्व साफ दिखता है। देश में ज्यादातर स्मारक अपनी पत्नी, पुत्र और पिता की याद में ही बनाए गए थे। लेकिन आप जानते हैं कि भारत में कुछ चुनिंदा स्मारकों का निर्माण देश की महिला शास्कों ने भी कराए थे। आइए जानते हैं ऐसे कुछ प्रसिद्ध स्मारकों के बारे में जिनका निर्माण महिलाओं ने कराया था।

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    दिल्ली में हुमायूं का मकबरा:

    नई दिल्ली में स्थित हुमायूं का मकबरा भारत के प्रसिद्ध मकबरों में से एक है, जिसका निर्माण हुमायूं की बेग़म, हामिद बानो बेग़म ने करवाया था। यह स्मारक फ़ारसी और भारतीय शैली को मिलाकर बनाई गई सबसे पुरानी रचनाओं में से एक है। हामिदा बेगन के मरने के बाद उन्हें भी इस मक़बरे में दफ़नाया गया था।

    आगरा में इतिमाद-उद-दौला का मक़बरा:

    महारानी नूर जहां ने भारत में संगमरमर का सबसे पहला मकबरा अपने पिता मीर गयास बेग की याद में सन् 1622 से 1628 के बीच बनवाया था जिसका नाम इतिमाद-उद-दौला का मक़बरा है। यह मकबरा बाग़ में स्थित किसी ख़ज़ाने के बक्से की तरह दिखता है जिसमें कोरल के साथ लाल और पीले बालू के पत्थर पर बारीक काम किया गया है।

    गुजरात में रानी की वाव:

    भारत की सबसे खूबसूरत बावलियों में से एक रानी की बावली दुनिया की सबसे पहली वाव है जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत धरोहरों की सूचि में रखा गया है। गुजरात के पाटण में मौजूद इस वाव को रानी उदयमति द्वारा अपने पति राजा भीमदेव प्रथम की याद में सन् 1063 में बनवाया गया था। सरस्वती नदी के किनारे बसा यह वाव नदी के कीचड़ से भर गया था जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा फिर से खोद कर निकाला गया है।

    कर्नाटक का मिरजान किला:

    मिरजान किला कर्नाटक के पूर्वी कन्नड़ जिले के पश्चिमी तट पर बसा हुआ है। यह किला ऊंची दीवारों और ऊंचे गढ़ों की डबल परत से घिरा हुआ है, जिसे गरसोप्पा की रानी, चेन्नाभैरादेवी द्वारा बनवाया गया। उन्हें रैना दे पिमेंता भी कहा जाता था जिसका मतलब काली मिर्च की रानी है। उनका नाम काली मिर्च पर इसलिए पड़ा क्योंकि वो उस जगह शासन करती थीं जहां काली मिर्च की ज्यादा पैदावार होती थी।

    नई दिल्ली में खैर-अल-मंजिल मस्जिद:

    नई दिल्ली में खैर-अल-मन्ज़िल मस्जिद का निर्माण सन् 1561 में अकबर की दाई मां महम अंगा ने कराया था। महम अंगा मुग़ल दरबार की सबसे प्रभावशाली महिला थीं जिन्होंने अकबर के बचपन के समय मुग़ल साम्राज्य पर शासन किया। विद्वानों के अनुसार इस मस्जिद का इस्तेमाल मदरसे के रूप में भी किया जाता था