भारतीय संस्कृति, सभ्यता और धरोहरों की झलक देखने के आएं दिल्ली की इन आर्ट गैलरीज़ में
किसी देश की उन्नति में उसकी संस्कृति, सभ्यता, मूल्य, परंपराओं और धरोहरों का खास महत्व होता है। दिल्ली की आर्ट गैलरीज़ में भारत की संस्कृति को आसानी से देखा और समझा जा सकता है।
दिल्ली में कला का मूलभूत ढांचा 1947 के बाद दिल्ली शिल्प चक्र (एक आर्टिस्ट ग्रूप) और भारत की पहली प्राइवेट आर्ट गैलरी, दि धूमीमल गैलरी के प्रयासों से विकसित हुआ था। सरकार की प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56) के साथ ही, भारत में एक सांस्कृतिक नीति अपनाई गई, जिसके तहत दिल्ली में ललित कला अकादमी और नेशनल आर्ट गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट की स्थापना की गई। इससे दिल्ली कला का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनी। यह सम्मान पहले बंगाल और मुंबई को प्राप्त था। इस दौरान दिल्ली में रोजाना नई प्रदर्शनियां लगने लगीं। इनमें एब्सट्रैक्ट, ज्योमेट्रिक, ह्युमन स्ट्रक्चर आर्ट से लेकर शहरी जीवन के उदासीन अध्ययनों को भी देखा जा सकता है।
दिल्ली की मशहूर आर्ट गैलरीज़
1. नेशनल आर्ट गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट
जयपुर हाउस, इंडिया गेट, नई दिल्ली
समय: सबुह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
अवकाश: सोमवार
भारत की प्रमुख आर्ट गैलरियों में से एक नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट कभी जयपुर के महाराज का आवास था। इंडिया गेट के करीब और राजपथ के पूर्वी छोर पर स्थित इस गैलरी में भारतीय और उपनिवेशीय कलाकारों द्वारा सन् 1850 के बाद के कार्यों का उत्कृष्ट संग्रह है। गैलरी में लगभग 15,000 से ज्यादा पेंटिंग्स, मूर्तियां और ग्राफिक्स देखने को मिलते हैं।
2. आर्ट हेरिटेज
तानसेन मार्ग, नई दिल्ली
समय: सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक
इसकी स्थापना 1977 में रोशन अल्काजी द्वारा की गई थी। इस गैलरी में पूरे साल भारत के नामचीन कलाकारों की प्रदर्शनियां नियमित रूप से लगती रहती हैं।
3. आर्ट टुडे
ए-1 हेमिल्टन हाउस, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली
समय: सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक
यहां जाने-माने आर्टिस्ट्स के कलेक्शन रखे जाते हैं और इसकी प्रदर्शनियां अक्सर हाई प्रोफाइल होती हैं। इस गैलरी द्वारा बेहतर डिजाइन वाले कैटलॉग और पोस्टर निकाले जाते हैं।
4. ललित कला अकादमी
रविन्द्र भवन, फिरोज शाह रोड, नई दिल्ली
समय: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक
अवकाश: शनिवार और रविवार
यह विशाल गैलरी तीन मंजिलों में फैली हुई है। सन् 1958 में यहां पहली राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। इस गैलरी में प्रतिष्ठित कार्यक्रम त्रैवार्षिक भारत का आयोजन किया जाता है। जिसमें 30 से 40 देश शामिल होते हैं। यहां फोटोग्राफी और आर्ट के नेशनल एक्जीबिशन आर्गनाइज़ होते रहते हैं।
5. गैलरी एस्पेस
कम्यूनिटी सेंटर, न्यू फ्रेंड्स कालोनी, नई दिल्ली
समय: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक
इस गैलरी ने अपने विशेषज्ञ और अलग हटकर किए जाने वाले कार्यों से अपने लिए खुद एक अलग मुकाम तैयार किया है। गैलरी द्वारा सूचनापरक कैटलॉग भी जारी किए जाते हैं।
6. त्रिवेणी कला संगम
तानसेन मार्ग, नई दिल्ली
समय: सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक
अवकाश: रविवार
यह चार गैलरी वाला एक सांस्कृतिक परिसर है, जिसमें आर्ट हैरिटेज द्वारा चलाई जाने वाली बेसमेंट गैलरी भी शामिल है। यहां श्रीधर्णी सबसे बड़ी गैलरी है। त्रिवेणी गैलरी में छोटे-छोटे कार्यों को प्रदर्शित किया जाता है। परिसर में प्रदर्शनियों के लिए एक स्कल्पचर कोर्ट है और एक लाइब्रेरी है, जहां अनकन्वेंशनल बुक्स, जरनल और कैसेट रखे जाते हैं।
7. गढ़ी ललित कला आर्टिस्ट स्टूडियो
कला कुटीर, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली
समय: प्रात: 10 से सायं 6 बजे तक
अगर आप कला की प्रक्रियाओं को सामने होते देखना चाहते हैं तो यह परफेक्ट जगह है। यह स्टूडियो ललित कला अकादमी का एक भाग है और इसी अकादमी द्वारा चलाया जाता है। मशहूर भारतीय और विदेशी आर्टिस्ट अक्सर यहां अपनी वर्कशॉप का आयोजन करते हैं और अपने एक्सपीरियंस भी शेयर करते हैं।
8. धूमीमल आर्ट गैलरी
कनॉट प्लेस, नई दिल्ली
समय: सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक
यह बहुत पुरानी कॉमर्शियल गैलरियों में से एक है। जहां नियमित रूप से शो आयोजित होते रहते हैं। पिछले कुछ सालों में, आर्टिस्टों के संपूर्ण समूह द्वारा अपने कार्य यहां प्रदर्शित किए जा चुके हैं।
9. गैलरी गणेशा
समय: सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक
यह गैलरी खासतौर से युवा कलाकारों को प्रोत्साहन देने का कार्य करती है। इसके विशाल संग्रह में पेंटिंग्स, ग्राफिक्स और मूर्तियां आदि शामिल हैं।
10. एलटीजी गैलरी
कोपरनिक्स मार्ग, नई दिल्ली
समय: सुबह 11 से शाम 7 बजे तक
इस गैलरी में अक्सर अर्थपरक प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है। सिरामिक आर्टिस्टों द्वारा किए गए ग्रूप शो, नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी और कश्मीरी आप्रवासियों पर थीम-शो ने अपने प्रभाव छोड़े हैं।
11. दि विलेज गैलरी
हौज खास विलेज, नई दिल्ली
समय: सुबह10.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक
इस गैलरी द्वारा कुछ अभिनव प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है जिनमें सत्यजीत रे, तिहाड़ जेल की महिला कैदियों द्वारा मोनो-रिंट और हाकु शाह द्वारा गांधीजी को श्रद्धांजली देते हुए स्ट्रा, रैग्स और कॉटन-वूल के ग्राफिक डिजाइन, ड्राइंगों और स्केचों का प्रदर्शन शामिल है।