Move to Jagran APP

पक्षियों की चहचहाहट है टूरिस्ट की पसंद

भारत अपनी विविधता में प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे हुए है, इसका हर राज्य अपनी एक अलग खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। पुरानी विरासतों और नए आर्किटेक्ट का संगम यहां के जैसा और कहीं नहीं मिल सकता। केरल के इडुक्की जिले की पहाड़ियों के बीच बसा है तेक्केडी। यह केरल-तमिलनाडु की सीमा

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2015 12:17 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2015 12:25 PM (IST)
पक्षियों की चहचहाहट है टूरिस्ट की पसंद
पक्षियों की चहचहाहट है टूरिस्ट की पसंद

भारत अपनी विविधता में प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे हुए है, इसका हर राज्य अपनी एक अलग खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। पुरानी विरासतों और नए आर्किटेक्ट का संगम यहां के जैसा और कहीं नहीं मिल सकता। भौगोलिक सुंदरता की बात करें तो यहां एक ओर रेगिस्तान और दूसरी ओर बर्फ ही बर्फ नजर आती है। कहीं मंदिरों की बहुलता है तो कहीं पैगोडा की अद्भुत बनावट। भारत के लोगों के लिए अपना पूरा देश घूमना ही कई देशों की यात्रा करने के बराबर है। विभिन्न संस्कृतियों का समागम, भाषा, आभूषण, पहनावा लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। गहरे सागरों के किनारे, झीलों बर्फों की वादियां, जंगल आदि जगह पर्यटन के केन्द्र हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी कोशिश कर रही है। हर पर्यटन स्थल तक आसानी से पहुंचने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। यदि आप भारत घूमने की योजना बना रहे हैं तो इन सारे जगहों को न भूलें। इन जगहों पर गए बगैर भारत भ्रमण पूरा नहीं हो सकता है।?

loksabha election banner

तेक्केडी के मसालों की खुशबू और पक्षियों की चहचहाहट है टूरिस्ट की पसंद टूरिस्ट

केरल के इडुक्की जिले की पहाड़ियों के बीच बसा है तेक्केडी। यह केरल-तमिलनाडु की सीमा के करीब स्थित है इसलिए यहां एक खास संस्कृति एवं परंपरा दिखाई देती है। इसकी खास अवस्थिति केरल और तमिलनाडु दोनों से इस स्थान तक पहुँचना खास बना देता है। तेक्केडी का वन्यजीव अभयारण्य प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस क्षेत्र में पायी जाने वाली विविध वनस्पति एवं वन्यजीव इस क्षेत्र के आकर्षण को और अधिक बढ़ा देते हैं। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर इस स्थान पर आपको निर्मल जल, झरने, आसमान से बातें करते वृक्षों से भरे घने जंगल और मसालों के बगान मिलेंगे। तेक्केडी में ही प्रसिद्ध पेरियार अभयारण्य है।

तेक्केडी का अनोखा भौगोलिक ढ़ांचा तथा पारिस्थितिकी संरचना इसे अन्य हिल स्टेशनों और अभयारण्यों से अलग करती है। इस पहाड़ी इलाके में सुन्दर प्राकर्तिक परिदृश्य व बागानों के विस्तार हैं। मसाला बागानों से हवा में बहती खुशबू यात्रियों को पुनः ऊर्जान्वित कर देती है। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए पृष्ठभूमि में स्थिक घुमावदार पहाड़ियां आदर्श दृश्य प्रस्तुत करती हैं। शांत जलवायु तथा उत्कृष्ट रिसॉर्ट्स एवं ग्रहशालाओं की उपलब्धता इस स्थान को पिकनिक तथा हनीमून के लिए एक पसंदीदा जगह बनाते हैं। चक्करदार पहाड़ी इलाके एवं लंबे ट्रैकिंग मार्ग, ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों को एक बेजोड़ अनुभव प्रदान करते हैं। इस क्षेत्र में लंबी पैदल यात्रा, वन्य जीवन ट्रेन, रॉक क्लाइम्बिंग और बांस राफ्टिंग जैसी मनोरंजन गतिविधियां सैलानियों को आकर्षित करती हैं।

पेरियार नेशनल पार्क

तेक्केडी का मुख्य आकर्षण दुनिया भर में विश्व प्रसिद्ध पेरियार राष्ट्रीय पार्क अथवा पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के रूप में जाना जाता है। घने सदाबहार वनों से आच्छादित तेक्केडी अभयारण्य विविध रोमांचक वन्य जीवों यथा हाथी, सांभर, बाघ, जंगली सूअर, शेर पूंछ मकाक, नीलगिरि तहर, मालाबार विशालकाय गिलहरी और नीलगिरि लंगूर का बसेरा है। यहां पर आप हाथी की सवारी के अलावा पेरियार झील में बोटिंग करते हुए या किनारे पर घूमते हुए जंगली पशु-पक्षियों को देख सकते हैं। अक्सर नाव से ही किनारों पर हाथियों के झुंड, गौर और हिरण देखे जा सकते हैं। इन्हीं जंगलों में बेहद दुर्लभ शेर जैसी पूंछ वाले बंदर भी पाए जाते हैं। 1978 में पेरियार वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया तथा यह इलाका पर्यावरणीय पर्यटन आधारित समुदाय पर केंद्रित कई परियोजनाओं का साक्षी रहा है। यह स्थान पेरियार नदी पर निर्मित एक कृत्रिम झील से घिरा हुआ है यहां नौका विहार की उत्कृष्ट सुविधा है। यहाँ आने वाले यात्रियों को झील में आनंद लेते हाथी झुंडों को देखने व फोटो खींचने का मौका मिल जाता है। पेरियार राष्ट्रीय उद्यान के कुछ हिस्सों में टिकट लेकर पैदल भी जाया जा सकता है। इस सैर के दौरान फॉरेस्ट गार्ड जरूर साथ रहते हैं।

तेक्केडी का मुख्य आकर्षण दुनिया भर में विश्व प्रसिद्ध पेरियार राष्ट्रीय पार्क अथवा पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के रूप में जाना जाता है।

इडुक्की आर्क डैम

इडुक्की आर्क डैम एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है जो पेरियार नदी पर बना हुआ है। यहां अंडरग्राउंड पावर जनरेटर, 20 छोटे-बड़े डैम, पांच नदियां और कुछ अंडरग्राउंड टनल्स हैं। ये आर्क डैम कुरुवनमाला और कुरुथिमाला पहाड़ियों के बीच बनाया गया है, जो सैलानियों के आकर्षण का खास केंद्र है। 550 फीट ऊंचा और 650 फीट चौड़ा ये बांध चेरूथोनी बराज के पास स्थित है। पर्यटक यहां आकर पास में ही इडुक्की वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी भी घूम सकते हैं।

इडुक्की आर्क डैम एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है जो पेरियार नदी पर बना हुआ है।

राजा का महल

पेरियार झील के बीच में एक छोटे से टापू पर त्रिवेंद्रम के राजा का निवास था, जो अब केरल पर्यटन विकास निगम का होटल बना दिया गया है। यहां आपको लगेगा कि किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं। यहां चारों तरफ पानी और पानी के दूसरी ओर वन्यजीव घूमते नजर आते हैं।

पेरियार झील के बीच में एक छोटे से टापू पर त्रिवेंद्रम के राजा का निवास था

मसालों के बाग

तेक्केडी में इलायची, लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, वेनिला, सुपारी आदि मसालों के बेहद आकर्षक बाग हैं। यहां आप देख सकते हैं कि मसाले कैसे उगाए जाते हैं। गाइड ये भी बताता है कि खाने के अलावा मसालों के और क्या उपयोग हैं। तेक्केडी से मात्र चार किलोमीटर दूर पहाड़ी कस्बा कुमली मसालों के थोक व्यापार का मुख्य केंद्र है। यहां से आप उचित दाम पर मसाले खरीद सकते हैं। यहां एक आदिवासी विकास केंद्र है, जहां आपको आदिवासियों की जीवन शैली देखने का मौका मिलेगा।

तेक्केडी में इलायची, लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, वेनिला, सुपारी आदि मसालों के बेहद आकर्षक बाग हैं।

मंगला देवी मंदिर

तेक्केडी में ही घने जंगलों से घिरा मंगला देवी मंदिर है। यह समुद्र तल से लगभग 1337 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। इसका निर्माण केरल शैली में राजा वड़ाकुम्मकुर द्वारा करवाया गया था। घने जंगलों के बीच इस मंदिर की सैर बहुत ही यादगार होती है। यहां का अनुभव नहीं भूला जा सकता। आप यहां सिर्फ वन विभाग की अनुमति से ही जा सकते हैं। साथ ही, यहां बने अन्नामाला मंदिर का आर्किटेक्चर भी उस वक्त की निर्माण कला का एक बेहतर नमूना पेश करता है।

तेक्केडी में ही घने जंगलों से घिरा मंगला देवी मंदिर है।

रामाक्कालमेडु

रामाकालमेडु एक ऐसा हिल स्टेशन है जो केरल और तमिलनाडु राज्यों के बॉर्डर पर स्थित है। यहां देखने के लिए बहुत सारी खूबसूरत चीजें जैसे पेरियार टाइगर फॉरेस्ट, मुन्नार, कुट्टीकन्नम, परूनथुंमपारा मौजूद हैं। इस जगह का नाम तीन शब्दों राम, कल और मेडु से मिलकर बना है जिसका मतलब राम, पहाड़ और भूमि है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम सीता की खोज में इस जगह पर आए थे और उन्होंने अपने पैर यहां के सबसे ऊंचे पहाड़ पर रखे थे। इसी से इस पहाड़ का नाम रामकाल है।

रामाकालमेडु एक ऐसा हिल स्टेशन है जो केरल और तमिलनाडु राज्यों के बॉर्डर पर स्थित है।

यहां सूर्योदय और पश्चिमी पहाड़ों के पीछे उसके ढलने का नजारा देखना वाकई अनोखा अनुभव होता है। चारों ओर पहाड़ों की हरियाली और घने जंगल वातावरण को सुहाना बनाते हैं।

तेक्केडी का मौसम

यहां की जलवायु एवं सुगम पहुंच जैसे कारक तेक्केडी को एक आदर्श गंतव्य स्थल बनाते हैं। यहां की शांत जलवायु इसे छुट्टी बिताने के लिए एक बेहतर स्थल बनाती है।

कैसे पहुंचें तेक्केडी

तेक्केडी, केरल और तमिलनाडु दोनों से उत्कृष्ट सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है तथा मदुरै, कम्बम, कोच्चि (165 किमी), कोट्टायम (120 किमी), एर्नाकुलम और तिरुवनंतपुरम (250 किमी) सहित कई स्थानों से यहां के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

एक आकर्षक पर्यटक स्थल होने के कारण तेक्केडी में आवास की सुविधाएं तथा टूर पैकेजिस बहुतायत में उपलब्ध हैं।यहां कई बजट होटल तथा हालिडे रिजार्ट्स उपलब्ध हैं जहां यात्री आरामदायक वातावरण में ठहर सकते हैं तथा स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। चाहे साहसिक गतिविधियां हों या आकस्मिक स्ट्राल्स(चहलकदमी), तेक्केडी एक यात्री की आकर्षक अवकाशकालीन स्थल से होने वाली उम्मीदों पर खरा उतरता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.