Chenap Valley: उत्तराखंड का ये ऑफबीट डेस्टिनेशन है ट्रैकिंग लवर्स के साथ फोटोग्राफी के लिए भी बेस्ट
Chenap Valley अगर आप ट्रैकिंग और फोटोग्राफी के शौकीन हैं साथ ही भीड़भाड़ से दूर किसी सुकून भरी जगह जाकर अपनी छुट्टियां बिताना चाहते हैं तो उत्तराखंड के चेनाप घाटी का बनाएं प्लान। जहां आपको देखने को मिलेगा कुदरत का अनोखा नजारा।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chenap Valley: उत्तराखंड के चमोली जिले में एक ऐसी खूबसूरत जगह है जिसके बारे में आज भी कम ही लोग जानते हैं और वो है चेनाप घाटी। यह घाटी समुद्रतल से लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। जो देखने में काफी हद तक फूलों की घाटी जैसी ही है। जोशीमठ शहर से इस घाटी की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। इस घाटी से नंदा देवी, नंदा कोट और द्रोणागिरि का अद्भुत नजारा देखा जा सकता है। उन लोगों के लिए ये बेहतरीन डेस्टिनेशन है, जो ट्रैकिंग के शौकीन हैं या फिर भीड़भाड़ से दूर सुकून भरी किसी डेस्टिनेशन की तलाश में हैं। बेशक यहां घूमने-फिरने वाली जगहों की कमी है लेकिन ये घाटी अपने आप में काफी है आपके वेकेशन को यादगार बनाने के लिए।
चेनाप घाटी का आकर्षण
जोशीमठ में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस घाटी चेनाप घाटी का सबसे बड़ा आकर्षण है, प्राकृतिक रूप से बनी लंबी मेड़ और क्यारियां। बरसात के सीज़न में तो यहां लगभग 300 प्रजातियों के खूबसूरत और दुर्लभ फूलों को देखा जा सकता है। इस घाटी में देव पुष्प ब्रम्हकमल को भी देखा जा सकता है। ब्रम्हकमल के अलावा फेनकमल, एनीमोन, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, स्नेक लिली, कोबरा लिली, पोटेंटीला, जेनेरियम, ब्लू पॉपी, तारक लिलियम, हिमालयी नीला, पोस्त बछनाग आदि फूलों को भी देखने के साथ कैमरे में कैद कर सकते हैं। फूलों के अलावा यहां दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव और जड़ी-बूटियों का भंडार है। फूलों की घाटी की तरह यह घाटी भी 15 दिन में अपना रंग बदलती रहती है।
घूमने के लिए बेस्ट टाइम
चेनाप घाटी की सुंदरता को निहारने के लिए आप साल में कभी भी प्लान कर सकते हैं लेकिन जुलाई से सितंबर का महीना यहां आने के लिए बेस्ट होता है क्योंकि उस वक्त घाटी की सुंदरता अपने चरम पर होती है।
कैसे पहुंचे चेनाप घाटी
रेल मार्ग
यहां तक पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार है, जो जोशीमठ से 299 किमी दूर है। यहां से चेनाप घाटी चमोली गढ़वाल तक आप आसानी से बस या टैक्सी से जा सकते हैं।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा जॉली-ग्रांट-एयरपोर्ट-देहरादून है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, जो ऋषिकेश से लगभग 20 किलोमीटर और जोशीमठ से 285 किलोमीटर दूर है।
सड़क मार्ग
यहां पहुंचने के लिए ऋषिकेश से 265 किमी दूर, जोशीमठ के पास मारवाड़ी पुल तक के लिए वाहन मिल जाते हैं। लेकिन उसके बाद लगभग 20 किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है, जिसमें कम से कम 3 दिन का समय लगता है। पहले दिन थैंग गांव और दूसरे दिन धार खर्क में रात में आराम करने के बाद तीसरे दिन चेनाब घाटी पहुंचते हैं।
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