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लेक और लैंडस्केप ही नहीं, लेह की ये खूबसूरत जगहें भी बना देंगी आपका सफर शानदार

देश के दूसरे हिस्से की तरह यहां भी भारत की सबसे बड़ी खासियत विविधता में एकता की बानगी देखी जा सकती है। जानेंगे लेह की खूबसूरत जगहों के बारे में..

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 04:51 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 12:32 PM (IST)
लेक और लैंडस्केप ही नहीं, लेह की ये खूबसूरत जगहें भी बना देंगी आपका सफर शानदार

लेह में जहां एक तरफ मठों, गोम्पाओं की भरभार है तो शहर में आप मस्जिदों को भी उसी रूप में देख सकते हैं। इसकी स्थानीयता भी अपने आप में खास है। देश के दूसरे हिस्से की तरह यहां भी भारत की सबसे बड़ी खासियत विविधता में एकता की बानगी देखी जा सकती है। जानेंगे यहां मौजूद कुछ खास जगहों के बारे में...

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आसपास की खूबसूरत जगहें

मुलबेख गोम्पा: मुलबेख गोम्पा एक मठ है। यह कारगिल जिले के मुलबेख में स्थित है। मुलबेख कारगिल से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। मठ तक पहुंचने के लिए खड़ी चट्टान और घाटी से होकर गुजरना पड़ता है। यह मठ, सड़क से 200 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां भगवान बुद्ध की 9 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है। मैत्रेय बुद्धा या भविष्य बुद्धा की यह विशाल मूर्ति बौद्ध मूर्तिकला का एक उत्कृष्ट नमूना है, जो मुलबेख मठ का मुख्य आकर्षण है। मुलबेख गोम्पा से आसपास की खूबसूरत घाटियों का नजारा देखा जा सकता है।

स्टांगडे मठ: स्टांगडे मठ या गोम्पा, पदुम से उत्तर की ओर 20 किमी. की दूरी पर स्थित है, जिसका निर्माण एक ही चट्टान पर किया गया लगता है। वर्तमान में यह गोम्पा जंस्कार के बड़े मठों में से एक है।

सानी मठ: सानी मठ सबसे पुराना और सबसे प्रसिद्ध मठ है, जो पास में ही स्थित सानी गांव में बना हुआ है। यह मठ विश्र्व के उन 8 मठों में से एक है, जहां बौद्ध समुदाय के प्रसिद्ध गुरुओं, जैसे- मारपा, नारोपा और पद्मसंभव ने दौरा किया था।

पोकर: मेडिटेशन का आदर्श स्थल पोकर को फोकर के रूप में भी जाना जाता है, जो शरगोल मठ के आसपास एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह जगह पोकर रिजांग और उरयांग दजांग के कारण प्रसिद्ध है। पोकर रिजांग एक समतल मैदान है, जो मेडिटेशन करने के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। यह स्थल चारों तरफ से गुफाओं और पर्वत चोटियों से घिरा हुआ है। यहां कई बौद्ध गुरुओं द्वारा स्थापित किए गए कई धार्मिक केंद्र भी हैं।

बारू खानकाह: कारगिल से 5 किमी. की दूरी पर स्थित बारू खानकाह पूरे लेह-कारगिल में मुस्लिम धर्मावलंबियों के बीच में काफी लोकप्रिय है। यह पवित्र मुस्लिम धर्मस्थल हजरत सैयद मुहम्मद नूर बख्श के समय बनवाया गया था।

करपोखर श्राइन

संकू से 5 किमी. दूर स्थित करपोखर श्राइन भी मुस्लिम संत सैयद मीर हाशिम की मजार के रूप में धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र जगह है।


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