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भारत के ताजमहल की डुप्लीकेट कॉपी है इस देश का ताजमहल, 5 साल में बनकर हुआ था तैयार

असल ताजमहल से अलग इसे बनाने में सिर्फ 5 साल लगे। इसका निर्माण 2008 में शुरू हुआ और इसे बनाने में 56 मिलियन डॉलर का खर्च आया।

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 06:01 PM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 06:01 PM (IST)
भारत के ताजमहल की डुप्लीकेट कॉपी है इस देश का ताजमहल, 5 साल में बनकर हुआ था तैयार
भारत के ताजमहल की डुप्लीकेट कॉपी है इस देश का ताजमहल, 5 साल में बनकर हुआ था तैयार

क्या आप जानते हैं दिल्ली में दो कुतुबमीनार हैं। एक कुतुबमीनार वो जिसे पूरी दुनिया जानती है और दूसरा वो गुमनामी है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। जो 17 मीटर ऊंचा है, इसे हस्तसाल मीनार के नाम से जाता है। ये दिल्ली के एक ग्रामीण क्षेत्र हस्तसाल में है। कुछ लोग इस मीनार को डुप्लीकेट कुतुबमीनार तक कह देते हैं। चलिए, ये तो बात हुई कुतुबमीनार की। अब बात करते हैं सात अजूबों में से एक ताजमहल की। जिसका डुप्लीकेट वर्जन भारत के एक पड़ोसी देश में है। बंग्लादेश की राजधानी ढाका से 30 किलोमीटर दूर गरीबों का ताजमहल बना हुआ है।

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5 साल में बनकर हुआ था तैयार

असल ताजमहल से अलग इसे बनाने में सिर्फ 5 साल लगे। इसका निर्माण 2008 में शुरू हुआ और इसे बनाने में 56 मिलियन डॉलर का खर्च आया। इस ताजमहल को बांग्लादेश के एक धनी फिल्म निर्माता ने बनाया। अहसानुल्लाह मोनी नाम के इस फिल्म निर्माता का कहना है कि बांग्लादेश में कई लोगों की चाहत होती है कि वे अपने जीवन में कम से कम एक बार मोहब्बत की बेमिसाल निशानी ताजमहल को देंखे। लेकिन ज्यादातर गरीब बांग्लादेशी ऐसा करने में समर्थ नहीं होते। अहसानुल्लाह के अनुसार उन्होंने अपने देश के गरीब नागरिकों के लिए ताजमहल की नकल बनवाई।

कॉर्बन कॉपी नहीं बन सकती कभी ऑरिजनल 

हालांकि, बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास ने इस पर आपत्ति उठाई थी। 2008 में भारतीय हाई कमीशन के प्रवक्ता ने बयान दिया था कि आप यूं ही किसी भी ऐतिहासिक इमारत की नकल नहीं बनवा सकते। भारत ने इस मामले में कॉपीराइट का मामला उठाने को कहा था।शुरुआती आपत्ति के बाद भारत ने इस मामले को तूल नहीं दिया। भारतीय हाई कमीशन ने कहा कि नकली ताजमहल के कारण असली ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों की कमी नहीं होगी, जो असली होता है वह असली ही होता है। इस बात का प्रमाण ये है कि भारत का ताजमहल दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन बंग्लादेश के ताजमहल को भारत के ताजमहल की कॉपी कहा जाता है।

160 किलो पीतल का किया गया है इस्तेमाल 

भारत द्वारा करवाई जांच में यह बात सामने आई की यह इमारत असल इमारत की पूरी तरह नकल है। इसकी साइज और डिजाइन असल ताजमहल से मिलती है। इसे बनाने के लिए इटली से संगमरमर और ग्रेनाइट, बेल्जियम से हीरे मंगाए गए। इसके गुंबद को बनाने में 160 किलो पीतल का प्रयोग किया गया।


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