अचानकमार टाइगर रिजर्व- जहां बाघ ही नहीं, 200 तरह के पक्षी भी करते हैं चहलकदमी
कुदरत के नैसर्गिक सौंदर्य में सुकून तलाश रहे हैं तो बिलासपुर का अचानकमार टाइगर रिजर्व है बेहतरीन जगह। जहां आप तरह-तरह के पक्षियों को चहलकदमी करते हुए देख सकते हैं। चलते हैं यहां
बिलासपुर शहर का मुख्य आकर्षण है अचानकमार टाइगर रिजर्व। ट्रेन से जाना चाहें तो यह अभ्यारण्य बिलासपुर रेलवे स्टेशन से 80 किलोमीटर की दूर है। सड़क से जाना चाहें तो यह जिला मुख्यालय मुंगेली से 45 किमी दूर उत्तर पश्चिम में विकासखंड मुख्यालय लोरमी में स्थित है। यहां प्रवेश करते ही किसी अन्य दुनिया में होने का अहसास होता है। कुदरत के नैसर्गिक सौंदर्य में सुकून तलाशने भी आप यहां आ सकते हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व
सतपुड़ा के 553.286 वर्ग किमी के क्षेत्र में बसा है। मैकाल श्रेणी के विशाल पहाडि़यों के बीच बांस, सागौन और अन्य वनस्पतियां यहां मनभावन दृश्य पैदा करती हैं। इस अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई इसके बाद 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में इसे टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया।
तरह-तरह के जीव-जन्तु की देखें हलचल
यहां बाघ के अलावा, तेंदुआ, गौर, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा समेत 50 प्रकार के स्तनधारी जीव व 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं। यदि आप वाइल्ड लाइफ को देखने के शौकीन हैं तो यह आपके लिए बढि़या डेस्टिनेशन साबित होगा। यहां जल्दा पाइंट पर आपको शेरों की हलचल दिख जाएगी। यहां पहुंचकर आप सैर के लिए किराए पर जिप्सी ले सकते हैं। साथ में गाइड भी उपलब्ध हो जाते हैं। रात ठहरने के लिए जंगल से लगे शिवतराई में बने कॉटेज को एटीआर की वेबसाइड से ऑनलाइन बुक करा सकते हैं।