Adoption Laws In India: बच्चा गोद लेना चाहते हैं, तो जानिए भारत में क्या है इसके नियम और प्रोसेस
Adoption Laws In India हमारे देश में बच्चा गोद लेने के कानून और नियम बनाए गए हैं। कई लोगों को चाइल्ड एडॉप्शन के प्रोसेस और नियमों के बारे में पता नहीं होता है। जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Adoption Laws In India: बत्तीस साल की मीना ने शादी नहीं की थी। लेकिन वह एक बच्चा गोद लेना चाहती थी। उसके मन में इस बात को लेकर कई सारे सवाल थे। क्या वह सिंगल पेरेंट बन सकती है, क्या बच्चा गोद लेने का अधिकार अकेली महिला को मिल सकता है, ऐसे कई सारे सवालों से वह परेशान थी। एक दिन उसने अपनी दोस्त रिया से ये सारी बातें शेयर की। इसके बाद रिया ने उसे जो कुछ बताया, वह सुनकर हैरान रह गई। उसे नहीं पता था कि हमारे देश में सिंगल पेरेंट बनने का भी अधिकार है। अगर वह बच्चे की अकेले परवरिश करना चाहती है, तो भी चाइल्ड एडॉप्ट कर सकती है। मीना की तरह और भी कई लोग होंगे, जिन्हें बच्चा गोद लेने के नियमों के बारे में नहीं पता होगा।
अगर आप भी बच्चा गोद लेना चाहते हैं, तो जरूरी है कि गोद लेने से पहले इसके नियम और शर्तों को जान लिया जाए ताकि बच्चा गोद लेते समय आपको दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
कैसे करें ऑनलाइन आवेदन
अगर आप बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की वेबसाइट cara.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, अपनी फोटो, शादी प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र के साथ ही आय प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन ही जमा करने होंगे। इसके बाद आवेदन के वक्त ही होम विजिट के लिए एक एजेंसी को चुनना पड़ता है। वह एजेंसी उनके घर जांच पड़ताल के लिए जाती है।
भारत में बच्चा गोद लेने के क्या हैं जरूरी नियम
- कानूनी तौर पर सिंगल पेरेंट या शादीशुदा जोड़ा दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं। मैरिड कपल्स लड़का या लड़की, किसी को भी गोद ले सकते हैं। सिंगल महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है, तो वह लड़का या लड़की दोनों में किसी को भी एडॉप्ट कर सकती हैं, लेकिन सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है।
- अगर कोई मैरिड कपल बच्चे को गोद ले रहा है, तो उनकी शादी को कम से कम 2 साल का समय होना चाहिए।
- बच्चे और गोद लेने वाले पेरेंट्स की उम्र में कम से कम 25 साल का फर्क होना चाहिए।
- गोद लेने वाले मां-बाप को शारीरिक रूप से, मानसिक तौर पर, भावनात्मक रूप से और आर्थिक दृष्टि से सक्षम होना ज़रूरी है। यह बात प्रमाणित होनी चाहिए कि संभावित अभिभावकों को कोई जानलेवा बीमारी न हो और उन पर कोई अपराध का आरोप न लगा हो।
- अगर कोई कपल्स बच्चे को गोद लेना चाहता है, तो इस फैसले में दोनों की सहमति आवश्यक है।
बच्चे की उम्र | एडॉप्ट करने वाले पेरेंट्स की कुल आयु | सिंगल पेरेंट की उम्र |
दो साल तक के बच्चा | 85 साल | 40 साल |
दो साल से ज्यादा और 4 साल तक का बच्चा | 90 साल | 45 साल |
4 साल से बड़ा और 8 साल तक का बच्चा | 100 साल | 50 साल |
8 साल से बड़ा और 18 साल तक का बच्चा | 110 साल | 55 साल |
जानिए चाइल्ड एडॉप्शन के लिए क्या हैं जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- गोद लेने वाले परिवार की कोई मौजूदा तस्वीर।
- पासपोर्ट, वोटर आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस, बर्थ सर्टिफिकेट, इन सभी डॉक्यूमेंट्स में किसी एक का होना जरूरी है।
- गोद लेने वाले परिवार को रेजिडेंट सर्टिफिकेट देना आवश्यक है। इसके लिए आप आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, बिजली का बिल या टेलिफोन का बिल भी दे सकते हैं।
- गोद लेने वाले शख्स की पिछले साल की इनकम टैक्स की ऑथेंटिक कॉपी देना भी जरूरी है ।
- सिंगल पेरेंट या मैरिड कपल्स को कोई संक्रमाक या जानलेवा बीमारी न हो । इसके लिए उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना बेहद जरूरी है।
- गोद लेने वाला शख्स शादीशुदा है, तो शादी का प्रमाण पत्र, अगर तलाकशुदा है तो उसका प्रमाण पत्र देना आवश्यक है। अगर पति या पत्नी की मृत्यु हो गई है, तो इसके लिए उनका मृत्यु प्रमाणपत्र देना भी जरूरी है।
- अगर आप अविवाहित हैं तो आपके रिश्तेदारों को एक अंडरटेकिंग देनी होगी।
- गोद लेने वाले फैमिली में पहले से बड़े बच्चे हैं, तो उनकी सहमति भी जरूरी है।
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