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Year Ender 2020: ऑनलाइन क्लासेज़ के अलावा बच्चों को सिखाने के लिए पेरेंट्स ने लिया इन तरीकों का सहारा

Year Ender 2020 कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम से लेकर ऑनलाइन क्लासेज़ तक कई तरह के बदलाव देखने को मिले हर एक चीज़ से कुछ नया ही सीखने को मिला। पेरेंट्स ने घर रहते हुए बच्चों के विकास में किस तरह से मदद की जानेंगे इसके बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 02:23 PM (IST)
Year Ender 2020: ऑनलाइन क्लासेज़ के अलावा बच्चों को सिखाने के लिए पेरेंट्स ने लिया इन तरीकों का सहारा
बच्चे को प्लेन उड़ाता देख खुश होते पेरेंट्स

कोरोना महामारी के चलते भले ही ज्यादातर राज्यों ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए लेकिन इससे पढ़ने-लिखने का सिलसिला नहीं थमा, बल्कि सिचुएशन को देखते हुए पढ़ाई-लिखाई के कई नए तरीके इज़ाद हुए जिसमें शिक्षकों से लेकर टेक्नोलॉजी का भरपूर सहयोग मिला लेकिन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सिर्फ इतना करना ही काफी नहीं होता। शिक्षकों के अलावा घर के सदस्यों को भी उनकी तरफ ध्यान देना होता है। तो आज हम यहां कुछ ऐसे तौर-तरीकों के बारे में जानेंगे जिनकी मदद से आप बच्चों में पढ़ने और सीखने की आदतों को मनोरंजक तरीके से कर सकते हैं डेवलप।

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सिखाएं लेकिन अलग तरीके से

किताबों को तोते की तरह रटवाने के बजाय आप चीज़ों को कुछ अलग अंदाज में उनके सामने प्रस्तुत करें जिससे उनकी उत्सुकता भी बनी रहेगी और आपका काम भी हो जाएगा। जैसे- कुर्सी, टेबल, पानी, दरवाजे पर उन्हीं के नाम का लेबल लगाएं। जिसे यकीनन बच्चे आसानी से सीख जाएंगे, इसके लिए अलग से मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

जगाएं उनके अंदर का साइंटिस्ट

छोटे बच्चों में किसी भी चीज़ को लेकर बहुत ज्यादा उत्सकुता होती है वो हर चीज़ के बारे में जानना चाहते हैं भले ही वो उनके काम की हो या न हो, तो क्यों न उनके इस आदत को पॉजिटिवली फायदा उठाएं। जैसे पानी और चीनी की मदद से बॉटल में रेनबो बनाना, फूलों से कलर बनाना, मिट्टी से तरह-तरह के खिलौने व बर्तन बनाना। ऐसी चीज़ों बच्चों के क्रिएटिव साइड को आगे लाती हैं और ये किसी तरह से नुकसानदायक भी नहीं होती।

ग्रूप एक्टिविटी है बेहद मददगार

कोरोना महामारी से बचे रहने के लिए सोशल डिस्टेसिंग बहुत जरूरी है तो फिर ग्रूप एक्टिविटी कैसे? यही सोच रहे होंगे आप भी, लेकिन घर के चार सदस्यो से भी ग्रूप तैयार किया जा सकता है। जी हां, बच्चों को नया सीखाने के लिए दादा-दादी, नाना-नानी से अच्छी कंपनी किसी की हो सकती है क्या? नहीं ना, तो बच्चों की जिम्मेदारी कुछ देर के लिए ग्रांड पेरेंट्स के हवाले कर दें अगर वो सक्षम हैं तो। उनके सीखाने-पढ़ाने का तरीका ही अलग होता है जिसे आसानी से दिमाग में फिट किया जा सकता है।

बिजी रखें उन्हें

बच्चों के दिमागी विकास के लिए पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है लेकिन साथ ही साथ उन्हें घर के कामों में भी बिजी रहें, इससे आपके साथ उनका भी डबल फायदा होगा। पहला तो वो बिजी रहेंगे और दूसरा अपना काम खुद करना सीखेंगे। जैसे- अपना बिस्तर सही करना, बिखरे सामान को समेट कर रखना, पौधों में पानी डालना आदि।

Pic credit- Freepik


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