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World Rose Day 2020: जानें क्यों कैंसर के मरीज़ों के लिए ख़ास होता है वर्ल्ड रोज़ डे

World Rose Day 2020 हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है जिसका मकसद होता है कैंसर के मरीज को गुलाब का फूल देकर उनके आत्मविश्वास और उत्साह को बढ़ाना। गुलाब का फूल प्यार केयर और अपनेपन का प्रतीक होता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 12:45 PM (IST)
कैंसर के मरीजों का उत्साह बढ़ाने के मकसद से मनाया जाता है वर्ल्ड रोज डे

World Rose Day 2020: कैंसर पीड़ितों से मानवीय व्यवहार करने और उनका दुख बांटने के लिए हर साल 25 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है। इसका मकसद कैंसर से लड़ने वाले लोगों को जीने की प्रेरणा देना और उनके जीवन में खुशियां लाना है। गुलाब का फूल प्यार, अपनेपन और केयर का प्रतीक माना जाता है तो इससे आप उन्हें एक अच्छा मैसेज दे सकते हैं।

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जिंदगी की शुरुआत

वर्ल्ड रोज डे के दिन कैंसर पीड़ितों को फूल देकर यह संदेश दिया जाता है कि अभी जिंदगी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में रोज-डे में फूल देकर बताया जाता है कि यह एक शुरुआत है। अक्सर कैंसर मरीज इस बीमारी की जिंदगी का अंत मान लेते हैं। लेकिन आप बता सकते हैं कि कैंसर से लड़ा जा सकता है। जिंदगी की शुरआत की जा सकती है।

ऐसे हुई थी शुरुआत

वर्ल्ड रोज-डे कनाडा की एक बच्ची मेलन्डा की याद में मनाया जाता है। 12 वर्षीय इस बच्ची को जब कैंसर हुआ, तब डॉक्टर ने अपने हाथ खड़े कर दिए। सास 1994 में जब मेलन्डा को बल्ड कैंसर हुआ, तब डॉक्टर ने कहा कि बच्ची 2 हफ्ते ज्यादा नहीं जी पाएगी। इस बच्ची ने हार नहीं मानी। कैंसर के साथ पूरे 6 महीने तक जंग लड़ी। बच्ची ने डॉक्टर्स को गलत साबित कर दिया है। ऐसे में जब सितंबर महीने बच्ची की मौत हुई, तो इसे कैंसर खिलाफ जंग के तौर पर मनाने की शुरुआत हुई। यहीं से वर्ल्ड रोज -डे की शुरुआत हुई।

महत्व

वर्ल्ड रोज डे दिन कैंसर के मरीजों को गुलाब का फूल देकर उन्हें इस बीमारी से लड़ने और जिंदगी जीने को प्रोत्साहित किया जाता है। कैंसर जिंदगी का अंत नहीं, बल्कि एक शुरुआत है। उम्मीद और जज्बे से कई लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में कामयाब भी हो जाते हैं।

World Rose Day Shayari in hindi 

दूसरों के लिए मिसाल बन जाएं,

कैंसर की बीमारी से ऐसे लड़ जाएं।

खिलखिलाकर हंसना सीखो, 

चिड़ियों से चहचहाना सीखो,

पेड़ की डाल से टूटकर भी,

गुलाब की तरह महकाना सीखो।

गुलाब की तरह महकना सीखो,

काटों के बीच में रहकर भी खिलना सीखो।

जिंदगी का हर जंग जो जीत लेते हैं,

जो मुसीबत में भी मुस्कुराना सीख लेते हैं।

Pic credit- https://www.freepik.com/free-photo/front-view-female-holding-red-rose_6196379.htm#page=2&query=rose+day&position=0


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