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World Girl Child Day 2021: किस मकसद से कब और कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत, जानें इसके बारे में

World Girl child Day 2021 आज के दिन बालिकाओं के अधिकारों व लैंगिक समानता जैसे विषयों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाई जाती है। तो कैसे और कब हुई थी इस दिन की शुरूआत आइए जानते हैं इस बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 08:12 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 08:12 AM (IST)
World Girl Child Day 2021: किस मकसद से कब और कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत, जानें इसके बारे में
छोटी सी उदास गरीब बच्ची देखते हुए

पिछले कई सालों से यह देखने में आया है कि समाज के हर मुद्दे/कुरीति या बुराई को दूर करने के उद्देश्य से एक विशेष दिवस का सृजन कर उसे उत्साहपूर्वक मनाने की एक आवश्यकता का एहसास हुआ। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस उसी कड़ी में से एक है। जानेंगे इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में।

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अंतर्राष्ट्रीय बालिक दिवस का इतिहास

वैश्विक स्तर पर गर्ल चाइल्ड डे मनाने की शुरुआत एक गैर-सरकारी संगठन 'प्लान इंटरनेशनल' प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी। इस संगठन ने "क्योंकि मैं एक लड़की हूं" नाम से एक अभियान शुरू किया। जिसके बाद इस अभियान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया गया। कनाडा सरकार ने 55वें आम सभा में इस प्रस्ताव को रखा। संयुक्त राष्ट्र ने 19 दिसंबर, 2011 को इस प्रस्ताव को पारित किया और इस दिन को मनाने के लिए 11 अक्टूबर का दिन चुना। जिसके बाद पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर, 2012 को मनाया गया। तब से हर साल हर दिन मनाया जाने लगा। 

भारत सरकार ने भी बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए काफी योजनाओं को लागू किया है जिसके तहत "बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं" एक उल्लेखनीय योजना है. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार भी अन्य महत्वपूर्ण योजनायें शुरू कर रही है. भारत में भी 24 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय बालिक दिवस मनाने का उद्देश्य

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने का उद्देश्य बालिकाओं को जागरूक करना है। अपने अधिकारों के लिए, अपनी सुरक्षा और बराबरी के लिए। जिससे वो आने वाली सभी चुनौतियों और परेशानियों का डटकर मुकाबला कर पाएं।

क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

स्कूलों में लीगल स्टडी एक आवश्यक विषय के रूप में बच्चों को जरूर पढ़ाया जाना चाहिए, जिससे एक ओर एक स्तर तक आने से पहले लोग इनका इस्तेमाल करना सीख जाएं। साथ ही बचपन से ही सही और गलत का ज्ञान सभी बालक-बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा व शारीरिक शिक्षा का ज्ञान देना अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए किसी पर निर्भर न होना पड़े।

अंतर्राष्ट्रीय बालिक दिवस 2021 की थीम

इस साल डिजिटल पीढ़ी, हमारी पीढ़ी (Digital Generation. Our generation) थीम के साथ मनाया जा रहा है यह दिन।

Pic credit- pixabay


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