अब रोबोट लगाएगा बमों का पता
आठ माह में छात्रों ने तैयार किया एक ऐसा रोबोट जो रंगों की पहचान कर दिशा बदलता है।
नीलम सिंह, मुरादाबाद । एमआइटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन अंतिम वर्ष के छात्रों ने एक कलर रोबोट बनाया है, जिसके माध्यम से जमीन के भीतर बमों के जाल का पता लगाया जा सकेगा। साथ ही आसानी से बम निष्क्रिय भी हो सकेगा। यह रोबोट आतंकवादियों की ऐसी साजिश का पता लगाने में सक्षम है इसलिए यह सेना के बहुत काम का है।
गाइड रुचि वाष्र्णेय ने बताया कि किसी भी धातु के उपकरण और बम को तलाशने के लिए जहां मनुष्य आसानी से नहीं जा सकते, वहां रोबोट को भेज सकते हैं। इसे बनाने में मात्र पांच हजार रुपये का खर्च आता है। विभागाध्यक्ष डॉ. फारूक हुसैन और अमित सक्सेना के सहयोग से स्नेहा गुप्ता, सक्षम अग्रवाल और शिवानी ने यह प्रोजेक्ट तैयार किया है। संस्थान के निदेशक ए घोष और ट्रस्टी सुधीर गुप्ता ने कहा कि आने वाला समय रोबोट का है। समाज और देश हित में छात्रों ने सराहनीय प्रयास किया है।
कैमरे में देखकर होगी बम की पहचान : कलर सेंसर बम डिफ्यूजिंग रोबोट को बनाने के लिए माइक्रो कंट्रोलर चिप (आईसी एटीएमईएल 89एस52), बैटरी, कैमरा, प्रतिरोध, एलसीडी, एनकोडर, डिकोडर का इस्तेमाल किया गया है। रोबोट को आगे-पीछे, दाएं-बाएं घुमाने के लिए चिप में कोडिंग की गई है। ट्रांसमीटर (सिग्नल देने वाला) और रिसीवर (सिग्नल लेने वाला) प्रणाली में कैमरे का उपयोग भी किया है। चिप से निर्देश मिलने के बाद रोबोट को दिशा दिखाई जाएगी। कैमरे में बम दिखने के बाद रोबोट का कटर बताए गए कलर के तार को काट देगा।
गुफा व गड्ढों में भी कारगर : कलर रोबोट मैदानी भाग के अलावा गुफाओं और गड्ढ़ों में बिछाए गए बम को भी तलाश कर सकता है। बम की पहचान करने के लिए इसमें मेटल का सेंसर लगाया गया है। उसके सामने आते ही रोबोट तेजी से आवाज करता है। साथ ही निर्देश देने वाले व्यक्ति को स्थिति का पता कैमरे द्वारा लग जाता है।
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