सकारात्मक सोच : एक आशाप्रद दिल की गुज़ारिश
सफलता के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है। और, कहते हैं कि युवा हृदय में उत्साह - संकल्प ही नहीं , सकारात्मक - प्रेरक सोच सबसे ज़्यादा बसती है ।
थोड़ा हँस ले यारा,
तू है अनोखा सा तारा,
क्यों फ़िरता है थका हारा,
जैसे भाग्य ने तुझे है मारा?
हर दिन अनोखा है,
हर पल निराला है,
हर रात में नया राज़ छुपा है,
भाग्य बिन कहे पलट सकता है।
मत ढूँढ मुस्कुराने की वजह,
मत दे अपनी ज़िन्दगी को सज़ा,
छोटी खुशियों में ढूंढ ले,
जीने का अनूठा मज़ा।
समस्याएँ देंगी चोली दामन का साथ,
लेकिन मस्तक पर रख मुस्कान दिन रात,
हर दिन डर के डर में मत काट,
तेरी इस पृथ्वी पर भूमिका है विराट,
क्यों करता है वक्त को ज़ाया,
क्यों मानता है सुख को पराया,
अंधियारे से कर जा यारी,
अपने संकटों पर पड़ जा भारी।
जर्जर कर दे बुराइयों की फ़ौलादी ज़ंजीर,
दुःख को सुख के बाण से मार ले तीर,
तू है वीर, लिख अपनी लक़ीर।
ना छोड़ इस जीवन को अधूरा,
हर ख़्वाहिश, हर मुराद को कर पूरा,
दुःख और सुख से हो ले वाकिफ़,
ढूँढ ना जीवन का भौतिक ज़रिया।
मुस्कान इक झोंका, हँसी बहार,
ज़िन्दगी है सपनों का गुलज़ार,
बन जा इक ऐसा फ़नकार,
जो दूसरों के दुःख में लाये सुख का निखार।
तेरी धरती, तेरा जहान,
तेरी मर्ज़ी से तेरी दास्ताँ,
तेरा हक़, तेरी ज़बान।
ज़िन्दगी के सफ़र में,
ज़िन्दगी है अपूर्वानुमेय,
ज़िन्दगी जिंदादिली से जी ले।
मत बन ऐसा गुमनाम,
ये है तेरा इम्तेहान,
है ये मेरा पैग़ाम।
ये है मेरी तुमसे दरख़ास्त।
ये है मेरी तुमसे दरख़ास्त।
सिद्धांत साँघी
(ग्यारहवी कक्षा,दी कैथीड्रल
एंड जॉन कॉनन स्कूल)