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Shaheed Diwas 2022: किसकी याद में मनाया जाता है शहीद दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

Shaheed Diwas 2022 23 मार्च को शहीद दिवस भारत के तीन महान क्रांतिकारियों भगत सिंह शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद में मनाया जाता है। आज ही के दिन इन तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर में फांसी दी गई थी।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 23 Mar 2022 09:01 AM (IST)Updated: Wed, 23 Mar 2022 09:01 AM (IST)
Shaheed Diwas 2022: किसकी याद में मनाया जाता है शहीद दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व
Shaheed Diwas 2022: भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद में मनाते हैं 23 मार्च को शहीद दिवस

नई दिल्ली, लाइफस्टालइल डेस्क, Shaheed Diwas 2022: भगत सिंंह जैसे अनोखे ही व्यक्तित्व दुनिया के इतिहास में हुए होंगे, जिन्होंने इतनी कम उम्र में ऐसे प्रतिमान स्थापित कर दिए हों कि आने वाली पीढ़ियों में सभी जाति, पंथ, वर्गों के लोग उन्हें अपना आदर्श मानकर अपने दिल में जगह देकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हों। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार गुजरते समय के साथ और भी प्रासंगिक होते गए।

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शहीद दिवस क्या है?

भारत में शहीद दिवस 2 अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है जिन्होंने देश के लिए हंसते- हंसते अपना प्राणों का बलिदान दे दिया। 30 जनवरी को शहीद दिवस महात्मा गांधी की याद में मनाया जाता है और 23 मार्च को यह दिन भारत के तीन बहादुर क्रांतिकारियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद में मनाया जाता है। 23 मार्च, 1931 को इन तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर में फांसी दी गई थी।

23 मार्च को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है? 

27 सितंबर, 1907 को तत्कालीन पश्चिमी पंजाब के लायलपुर में जन्मे भगत सिंह ने मात्र 23 वर्ष की आयु में फांसी के फंदे को चूमकर राजगुरू व सुखदेव के साथ अपने प्राण मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए न्योछावर कर दिए थे। भगत सिंह को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी लेकिन उन्हें 11 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को शाम 7.30 फांसी पर चढ़ा दिया गया। फांसी के समय कहा जाता है कि भगत सिंह मुस्कुरा रहे थे और उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए फांसी के फंदे को चूमा था। कुछ लोग कहते हैं कि भगत सिंह की आखिरी इच्छा थी कि उन्हें फांसी पर लटकाने की जगह गोली मार दी जाए।

देश की नई पीढियों को ऐसे महान क्रांतिकारियों के काम और विचारों को अपनाने की जरूरत है जिससे देश की बागडोर कर्तव्यनिष्ठ हाथों में बनी रहे। 

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अपने पराक्रम,शौर्य और आत्मोत्सर्ग से देश के जन-जन में स्वाधीनता की अलख जगाने वाले माँ भारती के अमर सपूत, महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु को उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। #शहीद_दिवस

View attached media content - Annapurna Devi (@Annapurna4BJP) 23 Mar 2022

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मां भारती की स्वतंत्रता के सपने को अपने लहू से सीचने वाले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन। अपने विचारों और देशभक्ति से उन्होंने एक राष्ट्र को आंदोलित तो किया ही, साथ ही भविष्य की पीढ़ियों को भी प्रेरित कर गए। #BhagatSingh #Rajguru #Sukhdev

View attached media content - General V K Singh (@genvksingh) 23 Mar 2022

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मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले, स्वतंत्रता संग्राम के अमर सिपाही, महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह जी, सुखदेव जी और राजगुरु जी के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।

View attached media content - सुरेश कुमार खन्ना (@SureshKKhanna) 23 Mar 2022

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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के वो अमर प्रतीक है जिन्होंने न सिर्फ आज़ादी के लिए संघर्ष किया एवं अपने बलिदान से प्रत्येक देशवासी के हृदय में स्वाधीनता की अलख जगा दी। ये कृतज्ञ राष्ट्र आपके बलिदान का युगों-युगों तक ऋणी रहेगा। #ShaheedDiwas

View attached media content - Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) 23 Mar 2022

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मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले शहीद भगत सिंह जी, सुखदेव जी और राजगुरु जी के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। #ShaheedDiwas

View attached media content - Nitin Gadkari (@nitin.gadkari) 23 Mar 2022


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