Makar Sakranti 2020: मकर संक्रांति के त्योहार पर ज़रूर करें ये 6 काम!
Makar Sakranti 2020 ऐसी मान्यता है कि नदी में स्नान और सूर्य देवता को जल चढ़ाने से शरीर की सारी दिक्कतें ख़त्म हो जाती हैं और ज़िंदगी से नकारात्मकता भी दूर होती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Things To Do On Makar Sakranti: मकर संक्रांति का त्योहार आ चुका है और इसी के बाद से सर्दी के मौसम में ठंडक कम होनी शुरू हो जाती है। हममें से कई लोग इस त्योहार को तिल के लड्डू और गजक से जोड़ कर देखते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर भारत में इस मौके पर कई तरह की स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं।
आज हम आपको बता रहे हैं कि मकर संक्रांति के दिन आपको क्या-क्या करना चाहिए।
पवित्र स्नान
बिहार और उत्तर प्रदेश, में इस दिन की शुरुआत गंगा, यमुना या फिर किसी भी नदी में डुबकी लगाकर की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नदी में स्नान और सूर्य देवता को जल चढ़ाने से शरीर की सारी दिक्कतें ख़त्म हो जाती हैं और ज़िंदगी से नकारात्मकता भी दूर होती है।
आरती
भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, सभी को प्रतिदिन भगवान की आरती कर उनके प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहिए।
मकर संक्रांति पर भी, गंगा स्नान के बाद, सभी लोग आरती करते हैं और सूर्य देवता को पूजते हैं।
दान दक्षिणा
गंगा स्नान के बाद, लोग दान दक्षिणा भी करते हैं। जहां काले तिल के लड्डू, चावल, दाल और गजक को एक थाली में रखा जाता है और
भगवान को भेंट किया जाता है। यहां काले तिल के लड्डू का इस्तेमाल जीवन ने नकारात्मकता को दूर करना होता है।
पतंग उड़ाना
मकर संक्रांति को पतंग उड़ाने का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा देश के कई हिस्सों में है। ऐसा माना जाता है कि बाहर निकल कर धूम में पतंग उड़ाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। सुबह के वक्त धूप की किरणों में विटामिन-डी की अच्छी मात्रा पाई जाती है। सर्दी के मौसम में सर्दी, खांसी जैसी बीमारी आम होती है इसलिए धूम ऐसे में काफी मददगार साबित होती है।
दही चिवड़ा खाना
दान दक्षिणा करने के बाद, लोग काले तिल के लड्डुओं के साथ दही चिवड़ा खाते हैं। दही चिवड़ा में चपटे चावल, जिसे चिवड़ा कहा जाता है, उसके साथ दही और गुड़ मिलाकर खाया जाता है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में, इस पकवान के साथ सब्ज़ी भी खाई जाती है।
दाल खिचड़ी
मकर संक्रांति के मौके पर दही चिवड़ा के साथ दाल की खिचड़ी खाने की भी परंपरा है। इस दिन चावल, दाल और सब्ज़ियां मिलाकर खिचड़ी तैयार की जाती है और इसे घी के साथ परोसा जाता है।