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International Mother Language Day 2022: जानें कब और कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत और क्या है इस बार का थीम

International Mother Language Day 2022 आज भारत समेत कई बड़े देशों में भाषा को सरल व सुगम बनाने के लिए ढेरों योजनाएं बनाई जा रही हैं। पर भााओं के संरक्षण के लिए और गंभीर वैश्विक प्रयासों की सख्त दरकरार है। आइए जानते हैं इस दिवस से जुड़ी जरूरी बातें।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 21 Feb 2022 08:21 AM (IST)Updated: Mon, 21 Feb 2022 08:21 AM (IST)
International Mother Language Day 2022: जानें कब और कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत और क्या है इस बार का थीम
International Mother Language Day पर आधारित एक तस्वीर

मानव जीवन में भाषा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि इसी के माध्यम से दूरदराज के देशों तक भी संवाद स्थापित किया जा सकता है। मातृभाषा की मदद से न केवल क्षेत्रीय भाषाओं के बारे में जानने-समझने में सहायता मिलती है, बल्कि एक-दूसरे से बातचीत करना भी आसान हो जाता है।

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अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास

यूनेक्को की ओर से मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा 17 नवंबर 1999 को की गई थी और पहली बार वर्ष 2000 में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया गया था। 21 फरवरी को ही यह दिवस मनाए जाने का सुझाव कनाडा में रहने वाले बांग्लादेशी रफीकुल इस्लाम द्वारा किया गया था, जिन्होंने बांग्ला भाषा आंदोलन के दौरान ढाका में 1952 में हुई नृशंस हत्याओं को स्मरण करने के लिए यह दिन प्रस्तावित किया था।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2022 की थीम

इस बार इस महत्वपूर्ण दिवस की थीम है 'बहुतभाषी शिक्षा के लिए प्रोद्यौगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर'

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का उद्देश्य

भाषा के महत्व को देखते हुए संस्कृति व बौद्धिक विरासत की रक्षा करने, भाषाई व सांस्कृतिक विविधता एवं बहुभाषावाद का प्रचार करने और दुनियाभर की विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा उनके संरक्षण के लिए यूनेस्को हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।

कितनी भाषाएं हैं इस वक्त आंकड़ों में दर्ज?

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में बोली जाने वाली करीब 6900 भाषाएं हैं और इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम है, लेकिन चिंता की बात यह है कि दुनियाभर में बोली जाने वाली इन 6900 भाषाओं में से करीब 43 फीसदी भाषाएं लुत्पप्राय हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हर हफ्ते में एक भाषा गायब होती है और दुनिया एक पूरी सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विरासत खो देती है।

सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाएं

आज विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में अंग्रेजी, जापानी, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी इत्यादि शामिल हैं।

वैश्वीकरण के इस दौर में बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए विदेशी भाषा सीखने की होड़ मातृभाषाओं के लुप्त होने के पीछे एक प्रमुख कारण माना जाता है।

Pic credit- freepik 

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#WatchLive: Inaugural Ceremony of #InternationalMotherLanguageDay 2022 Celebration. https://youtu.be/nf1oHduM7wg https://fb.watch/biSTsdCHlL/

View attached media content - Indira Gandhi National Centre for the Arts (@ignca_delhi) 21 Feb 2022

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सभी देशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

View attached media content - SANDEEP SINGH (@flickersingh) 21 Feb 2022

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अस्तित्त्व में सहज साकार है - मातृभाषा ! एतदर्थ मातृभाषा हमारी अंतर्चेतना-आत्म सत्ता की मूल अभिव्यक्ति है। व्यावहारिक और व्यावसायिक दृष्टि से सभी भाषाएँ आदरणीय हैं किन्तु मानवीय व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास का मूल आधार मातृभाषा ही है ! #अंतर्राष्ट्रीयमातृभाषा_दिवस #languageday #internationalmotherlanguageday #KooForIndia #KooKiyakya #कू - Swami Avdheshanand Giri (@avdheshanandg) 21 Feb 2022


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