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International Labour Day 2022: अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस हर साल एक मई को ही क्यों मनाया जाता है? जानें इससे जुड़े मज़ेदार फैक्ट्स

International Labour Day अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस कहें या फिर श्रमिक दिवस इस दिन को हर साल 1 मई को मनाया जाता है। मज़दूर दिवस को अंग्रेज़ी में लेबर डे मे डे और वर्कर्स डे के नाम भी जाना जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sun, 01 May 2022 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2022 09:00 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 2022: एक मई को ही क्यों मनाते हैं मजदूर दिवस

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Labour Day: अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस को श्रमिक दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन के अंग्रेज़ी में लेबर डे, मे डे और वर्कर्स डे के नाम भी हैं। यह दिन हर साल ज़्यादातर देशों में एक मई को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में मज़दूरों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। मजदूर संघ आंदोलन से इस दिन की शुरुआत हुई है, विशेष रूप से आठ घंटे के दिन का आंदोलन। लोकप्रिय रूप से मई दिवस के रूप में जाना जाता है, यह दिन भारत, क्यूबा और चीन जैसे अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

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मज़दूर दिवस की शुरुआत कैसे हुई

मज़दूर दिवस श्रमिकों के अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ पिछले श्रम संघर्षों की याद दिलाता है, जिसमें काम करने के दिन लंबे होते थे, खराब स्थिति और बाल श्रम भी इसमें शामिल हैं। मई के पहले दिन कई देशों में आधिकारिक छुट्टी का दिन होता है।

एक मई का दिन 19 वीं शताब्दी के अंत में श्रमिक आंदोलन से जुड़ गया, जब ट्रेड यूनियनों और समाजवादी समूहों ने इसे श्रमिकों के समर्थन में एक दिन के रूप में नामित कर दिया। मूल रूप से, मई के पहले दिन को एक प्राचीन उत्तरी गोलार्ध वसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता था।

अमेरिका के शिकागो शहर में 1886 में हुए हेमार्केट हेमार्केट दंगों की याद में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाने के लिए चुना गया था। 1886 में श्रमिकों के समर्थन में एक शांतिपूर्ण रैली में पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम 38 नागरिकों और 7 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी।

मज़दूर दिवस से जुड़े फैक्ट्स

1. भारत में 'मे डे' या फिर 'लेबर डे' को हिन्दी में कामगर दिन या फिर अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस, अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस कहा जाता है। वहीं, तमिल में

‘उज़ाओपालर नाल’ और मराठी में ‘कामगर दिवस’ कहा जाता है।

2. भारत ने पहली बार मज़दूर दिवस चेन्नई (जिसे उस वक्त मद्रास कहा जाता था) में साल 1923 में मनाया था।

3. भारत सहित 80 से ज़्यादा देशों में मज़दूर दिवस के दिन छुट्टी मनाई जाती है।

4. सभी देशों के संगठनों के लिए मई दिवस पर काम नहीं करना अनिवार्य कर दिया गया था।

5. 1 मई को महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

6. लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान पहला समूह था जिसने भारत में मई दिवस समारोह का आयोजन किया था।


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