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How To Practice Tibetan Meditation: स्वस्थ और खुशहाल ज़िंदगी के लिए ऐसे करें तिब्बती मेडिटेशन

How To Practice Tibetan Meditation ये आपके भागते हुए दिमाग़ को शांत करने और इसे एक उपकरण बनने में मदद करने के लिए बनाया गया है जिसका उपयोग आप अपनी ज़िंदगी को स्वस्थ बना सकते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 08:46 AM (IST)
How To Practice Tibetan Meditation: स्वस्थ और खुशहाल ज़िंदगी के लिए ऐसे करें तिब्बती मेडिटेशन

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। How To Practice Tibetan Meditation: तिब्बती मेडिटेशन मन, व्यवहार और शरीर के बीच संबंध पर ज़ोर देती है। जब आप चुपचाप बैठने की कोशिश करते हैं और एक तरफ ध्यान लगाने की कोशिश करते हैं तभी आपका दिमाग़ इधर उधर भागने लगता है। तिब्बती मेडिटेशन आपके भागते हुए दिमाग़ को शांत करने और इसे एक उपकरण बनने में मदद करने के लिए बनाया गया है जिसका उपयोग आप अपनी ज़िंदगी को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते हैं। 

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मेडिटेशन का मतलब है अपनी दिमाग़ी मसल्स को ट्रैन करना। मेडिटेशन का अभ्यास करने से आपके दिमाग़ में सुधार आएगा। ध्यान की यह शैली ना केवल आपके अंदर, बल्कि प्रकृति में भी शांति को बढ़ाती है। तिबेतियन मेडिटेशन केवल दिमाग और शरीर के बीच संतुलन तक सीमित नहीं है यह पर्यावरण में सद्भाव पैदा करने की दिशा में भी काम करता है।

कैसे करें तिब्बती मेडिटेशन

दिमाग को साफ करें

ध्यान की प्रक्रिया शुरू करने से पहले, अपने दिमाग से सभी चीज़ों को निकालें। सभी स्वार्थी विचारों को अपने दिमाग से बाहर करें। फिर आराम से बैठें ताकि आप सिर्फ ध्यान की प्रक्रिया पर खुद को केंद्रित कर सकें।

किसी भी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करें

अब ध्यान केंद्रित करने के लिए कोई भी एक चीज़ लें। तिब्बती मेडिटेशन का पालन करने वाले ज़्यादातर लोग बौद्ध की मूर्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस पर तब तक ध्यान केंद्रित करें जब तक आप पूरी तरह से आसपास का शोर न सुन पाएं।

आंखें बंद कर ध्यान लगाएं

अब अपनी आंखें बंद करें और वस्तु की अपने दिमाग में कल्पना करें। इस तरह आपका दिमाग पूरी तरह से केंद्रित होगा। हो सकता है कि पहले प्रयास में आप वस्तु को पूरी तरह से कल्पना ना कर पाएं। हालांकि, अभ्यास और समय के साथ, आपका दिमाग तैयार हो जाएगा।

सांस पर फोकस करें

जब आपका दिमाग स्थिर हो जाए और बाकी सभी विचार दिमाग से बाहर हो जाएं और आप केवल ध्यान में हो तो आप अगला कदम उठा सकते हैं। अपनी सांस लेने पर ध्यान देना शुरू करें। खुद को प्रकृति और मानवता के बीच की कड़ी की तरह सोचें। हर सांस के साथ प्रकृति के साथ खुद को जोड़ने की कोशिश करें। हालांकि, इस तकनीक में याद रखने की महत्वपूर्ण बात यह है कि आप यह अपने फायदे के लिए नहीं कर रहे हैं।


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