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Happy Women's Day 2023: कामकाजी महिलाएं पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच तालमेल बिठाने के लिए अपनाएं ये टिप्स

Happy Womens Day 2023 हर साल 8 मार्च का दिन महिला दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। तो इस खास मौके पर हम गिफ्ट सेलिब्रेशन के टिप्स देने के बजाय इस बारे में बात करने वाले हैं कि अगर आप कामकाजी हैं तो कैसे करें लाइफ को बैलेंस।

By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghPublished: Tue, 07 Mar 2023 02:09 PM (IST)Updated: Tue, 07 Mar 2023 02:09 PM (IST)
Happy Women's Day 2023: कामकाजी महिलाएं पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच तालमेल बिठाने के लिए अपनाएं ये टिप्स
Happy Women's Day 2023: कामकाजी महिलाएं ऐसे करें पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Happy Women's Day 2023: करियर को लेकर आजकल हर महिला की सोच बदल रही है। ज्यादातर महिलाएं अब वर्किंग है, लेकिन ऑफिस के साथ महिलाओं को घर संभालने की भी चिंता होती है। महिलाओं को सुबह अपने बच्चों को तैयार करने और घर का काम करने के बाद ही ऑफिस या कॉलेज जाना होता है। ऑफिस में काम करने के बाद उन महिलाओं को घर आकर भी काम करना होता है, जिसे वो बखूबी निभाती हैं। ऐसा मल्टिटास्कर होने के कारण ही, महिलाओं को सर्वगुण सम्पन्न कहा जाता है। हालांकि, उनके लिए ये सब इतना आसान भी नहीं होता। दोनों चीजों को संभालना भी किसी टास्क से कम नहीं होता, लेकिन महिलाएं ये कैसे करती है इसे जानने के लिए हमने कई लोगों से बात की है।

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वहीं इन सब के बावजूद कई जगह देखा जाता है कि महिलाओं को अभी तक पुरुषों की तरह समान दर्जा नहीं मिला है। समाज की इसी सोच को बलने के लिए ही हम हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाते है, जिससे हर महिला को उसका हल मिल सके। ऐसी ही महिलाओं की कहानी हम आज आपके सामने ला रहे हैं, जिन्होंने इस समाज से लड़ते हुए बड़ा मुकाम पाया है।

Dr.Sheshadri Juyal, BHMS कहती हैं कि, 'घर परिवार एवं प्रोफेशनल लाइफ दोनों को एक साथ संभालना एक जिम्मेदारी भरा काम है। धैर्य, लगन और प्रतिबद्धता के साथ आप आपके घर और ऑफिस दोनों को ठीक तरीके से संभालने में सक्षम हो सकते हैं। इस प्रयास में नीचे दिए गए टिप्स पर ध्यान देकर दोनों जगह पर ठीक तरीके से अपनी जिम्मेदारियों को निभाया जा सकता है।'

हेल्थ पर ध्यान रखना है जरूरी

सबसे पहले खुद की हेल्थ पर ध्यान दें। अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं तभी आप अपने परिवार एवं अपने काम पर ध्यान दे पाएंगी।

घर और ऑफिस के काम को व्यवस्थित रखें

चाहे आप का घर हो या ऑफिस, व्यवस्थित रूप से काम करना हर जगह आपकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाता है इसीलिए यह कोशिश करें कि सभी चीजों को सुव्यवस्थित तरीके से ही किया जाए।

जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं और उन्हें चेक करते रहें 

घर हो या ऑफिस दोनों जगह कुछ कुछ काम बहुत ही ज्यादा जरूरी होती हैं फिर चाहे वह बच्चों से जुड़े हों या फिर ऑफिस के मीटिंग से संबंधित। ऐसे काम की एक दिन पहले ही लिस्ट बना लें और फिर उसे प्रियोरिटी के बेसिस पर निपटाते चलें। इसके अलावा कुछ काम ऐसे भी होंगे जिन्हें करने में बहुत ज्यादा वक्त लग सकता है, तो उनकी प्रोग्रेस बीच-बीच में चेक करते रहें।  

बच्चों के साथ दोस्ती का माहौल बनाकर रखें

बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करने से बच्चे अपनी हर तरह की खुशियां और समस्याएं आपके साथ साझा करते हैं जिससे आप उनके समस्याओं के समाधान में अच्छी भूमिका निभा सकती हैं।

एक बात हमेशा ध्यान रखें कि जीवन में किसी भी परिस्थिति को संभालने का कोई एकदम सही तरीका निर्धारित नहीं होता। परिस्थितियों के अनुसार आपको समझदारी से निर्णय लेने होते हैं जो आपके परिवार और आपके काम के लिए सही हों। इसलिए हमेशा धैर्य से काम लें और शांतिपूर्ण तरीके से अपने निर्धारित कार्यों को करते रहें।

Vithika is the Co-founder of Love Matters India बताती हैं एक मां के तौर पर वर्क-लाइफ बैलेंस को मैनेज करना मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं। सच कहूं तो, मुझे लगता है कि मैं एक बेहतर मां हूं क्योंकि मुझे काम करना बहुत अच्छा लगता है, मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हूं और मेरा कार्यस्थल एक अच्छा कार्य-जीवन संतुलन प्रदान करता है। बहरहाल, कुछ चुनौतीपूर्ण दिन हैं और पिछले कुछ सालों में मैंने सीखा है कि चुनौतियों से निपटने के लिए पॉजिटिव एटीट्यू बहुत जरूरी है। अपने पति/साथी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ खुल कर अपनी बात रखना और अपेक्षाएं रखना महत्वपूर्ण है। एक मां के रूप में खुद से प्यार करना और अपनी सराहना करना बहुत जरूरी हैं। 

यूनोवा एचआरएमएस के क्रिएटिव डॉयरेक्टर & को-फाउंडर प्रियंका जैन से भी बात की और उन्होंने बताया कि, 'करियर और मदरहुड दोनों को संभालना बहुत ही जिम्मेदारी भरा काम है। एक कामकाजी मां के रूप मे भी आप अपने प्रोफेशनल उद्देश्यों को पूरा कर सकती हैं। इस दौरान आप अपनी मातृत्व की जिम्मेदारी भी अच्छे से निभा सकती हैं।

प्राथमिकता और योजना

अपनी प्रियोरिटीज की एक लिस्ट बनाएं और अपने पूरे दिन और हफ्ते का एक शेड्यूल बनाएं। आपके परिवार और करियर के लिए जो ज़रूरी है उसे करें और उसी के अनुसार समय निकालें।

सीमाओं को निर्धारित करें

उन चीजों को ना कहना सीखें जो आपकी प्राथमिकताओं के अनुरूप नहीं हैं। अपनी आवश्यकताओं और सीमाओं के बारे में अपने एंप्लॉयर और सहकर्मियों से बातचीत करें।

आर्गनाइज रहें

काम के दौरान ट्रैक पर बने रहने में मदद के लिए एक कैलेंडर और टू-डू लिस्ट बनाकर रखें। अपना टाइम मैनेजमेंट करने में मदद के लिए तकनीक का उपयोग करें, जैसे शेड्यूलिंग ऐप्स और ऑनलाइन कैलेंडर का उपयोग करें। 

फ्लेक्सिबल रहें

स्वीकार करें कि चीजें हमेशा आपके अनुसार नहीं हो सकती है इसलिए अपने शेड्यूल और प्राथमिकताओं को आवश्यकतानुसार एडजस्ट करने के लिए तैयार रहें।

अपने समय का सदुपयोग करें

अपने बच्चों के साथ समय बिताएं। जब भी समय मिले बच्चों के साथ एक्सरसाइज़ करें। याद रखें कि मातृत्व (मदरहुड) और करियर को संभालने के लिए कोई 'सही' तरीक़ा निर्धारित नही है। हर परिवार की स्थिति अलग होती है इसलिए काम और परिवार के बीच में ऐसा सन्तुलन स्थापित करें जो आपके लिए सही हो, आपके मुताबिक़ हो।

स्तुति गुप्ता, चीफ एडिटर, लेखिका, कहानीकार ने बताया कि जब लोग कहते हैं कि "मातृत्व सब कुछ बदल देता है", वे बिल्कुल सही कहते हैं! मुझे लगता है कि माता -पिता होना काफी 'भावनात्मक' होता है। यह आपकी हदों की परिक्षा लेता है, साथ ही आपको नए लक्ष्यों का पीछा करने के लिए प्रेरित भी करता है। आपकी ताकत को निचोड़ डालता है, लेकिन आपके जीवन में एक नई चिंगारी भी जोड़ता है। यह आपको कुछ चीजों को छोड़ने पर मजबूर कर देता है लेकिन अंत में, आपको जीवन भर के लिए एक प्यारा सा दोस्त भी तो देता है।

Sandhya Sakhuja Director, Vedic Cosmeceuticals Pvt. Ltd. कहती हैं कि, 'मैं एक वर्किंग वुमन हूं। मेरी 17 साल की एक बेटी है। यानी मैं घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारियों को निभा रही हूं। ऐसे में कभी-कभी लाइफ में बैलेंस बनाए रखना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर पूरी प्लानिंग और डिसिप्लिन के साथ जीवन जिया जाए, तो इसे आसान बनाया जा सकता है। डिसिप्लिन लाइफ मुझे एक मां के कामों को आसानी से करने में मदद करती है।'

साक्षी उनियाल, जो एक पीआर प्रोफेशनल ने बताया कि, 'आजकल ज्यादातर महिलाएं कामकाजी हैं। ऐसे में हम सभी महिलाओं के लिए घर और जॉब दोनों के बीच बैलेंस बनाए रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन एक वर्किंग वुमन और मां के रूप में मैं सभी कार्यों को अच्छी तरह से संभालने की कोशिश करती हूं। कई बार मुझे ऐसा भी महसूस होता है कि मैं सभी कार्यों को मैनेज करने में सक्षम नहीं हूं, लेकिन पति, बच्चों और घर के अन्य सदस्यों के सहयोग की वजह से भी मुझे प्रेरणा मिलता है। अगर कोई महिला वर्किंग और हाउसवाइफ दोनों हैं, तो उन्हें इसे मैनेज करने के लिए अपनी जरूरतों और प्राथमिकता को महत्व देना चाहिए। यानी जो काम जरूरी है, पहले उसे करना चाहिए। जैसे कि अगर आपका बच्चा बीमार है, उसके एक्जाम चल रहे हैं, तो इस समय आपको बच्चे की तरफ ध्यान देने की ज्यादा जरूरत होती है। वहीं, अगर आपको जॉब में कोई जरूरी काम मिला है, तो उसके लिए भी समय निकालना चाहिए।

Pic credit- freepik


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