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Fact Check By Vishvas News: वायरल तस्‍वीर इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की नहीं है और ऐसी ही अन्य फेक पोस्ट

Fact Check By Vishvas News जागरण की वेबसाइट विश्वास न्यूज़ की फैक्ट चेक टीम हर दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ख़बरों का सच हमारे रीडर्स के लिए सामने लाने का प्रयास करती है। पेश हैं शुक्रवार की ऐसी ही टॉप 5 ख़बरें।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 04:03 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 04:03 PM (IST)
Fact Check By Vishvas News: वायरल तस्‍वीर इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की नहीं है और ऐसी ही अन्य फेक पोस्ट
वायरल तस्‍वीर इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की नहीं है और ऐसी ही अन्य फेक पोस्ट

नई दिल्ली। जागरण की वेबसाइट 'विश्वास न्यूज़' की फैक्ट चेक टीम हर दिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं ख़बरों का सच हमारे रीडर्स के लिए सामने लाने का प्रयास करती है। पेश हैं शुक्रवार की ऐसी ही टॉप 5 ख़बरें।

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Quick Fact Check : यह तस्‍वीर इंदिरा गांधी के अंतिम संस्‍कार की नहीं है

सोशल मीडिया में एक बार फिर से देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की एक तस्‍वीर फर्जी दावों के साथ वायरल हो रही है। यूजर्स इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए यह झूठ फैला रहे हैं कि इसमें राजीव व राहुल को इंदिरा गांधी के शव के सामने कलमा पढ़ते हुए देखा जा सकता है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट पहले भी फर्जी साबित हो चुकी है। दरअसल वायरल तस्‍वीर अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे की है। इस्‍लाम में जनाजे में मगफिरत की दुआ की जाती है। इस दौरान वहां मौजूद लोग भी दुआ करते हैं। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Quick Fact Check: यह शिवलिंग राजस्थान में है, मक्का मदीना में नहीं

सोशल मीडिया पर एक बार फिर से एक बड़े-से शिवलिंग की तस्वीर वायरल हो रही है जिसे मक्का-मदीना का शिवलिंग बताया जा रहा है। विश्वास न्यूज़ ने इस वायरल पोस्ट की पहले भी पड़ताल की थी और तब हमने पाया था कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर असल में राजस्थान के विराटनगर में भीम की डूंगरी मंदिर में स्थित शिवलिंग की है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Quick Fact Check: काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर के लिए नहीं खरीदे गए 80 मुसलमानों के घर, वायरल पोस्‍ट फर्जी है

वाराणसी में काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। इसे लेकर कई बार फर्जी तस्‍वीरें, वीडियो और खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं। जिनकी विश्‍वास न्‍यूज ने समय-समय पर पड़ताल की है। अब एक बार फिर से सोशल मीडिया में एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें एक मंदिर को देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि वाराणसी में काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर के लिए 80 मुसलमानों के घर जब तोड़े गए तो 45 पुराने मंदिर मिले। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। कॉरिडोर के लिए खरीदे गए भवनों में एक भी भवन मुसलमानों के नहीं था। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check: मस्जिद में कोरियाई पॉप बैंड BTS का गाना ‘डायनामाइट’ बजाए जाने का दावा झूठा

सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि एक युवक ने गलती से मस्जिद के लाउडस्पीकर में अजान की बजाय मशहूर कोरियाई बैंड का गाना बजा दिया। यह दावा जौनपुर की शाही अटाला मस्जिद के बारे में किया जा रहा है। दावे के मुताबिक, युवक ने कोरिया के बैंड BTS का मशहूर गाना ‘डायनामाइट’ बजा दिया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा पूरी तरह झूठा निकला है। शाही अटाला मस्जिद में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। एक व्यंग्य आधारित इंस्टाग्राम पर मजाक में किए गए पोस्ट को लोग सच मान कर शेयर कर रहे हैं। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Fact Check: नीदरलैंड में 5वीं क्लास से गीता की पढ़ाई अनिवार्य बताने वाला दावा झूठा

सोशल मीडिया पर धार्मिक किताब गीता को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि नीदरलैंड में पांचवीं क्लास से भगवद् गीता की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। नीदरलैंड शिक्षा मंत्रालय ने पुष्टि करते हुए बताया है कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। पूरी ख़ूबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Vishvas News जागरण न्यू मीडिया का एक आईएफसीएन सर्टिफाइड (IFCN Certified) फैक्ट चेकिंग ग्रुप है।


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