लॉकडाउन में साइबर अपराध की शिकार हुई महिलाएं, जानें, इससे निपटने के तरीके
लॉकडाउन में साइबर अपराधी महिलाओं को बना रहे है अपना शिकार। एनसीडब्ल्यू के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अप्रैल में साइबर अपराध की 54 शिकायतें मिलीं है जो लगातार बड़ रही हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल। कोरोना संकट ने लोगों को घर तक सीमित कर दिया है। ऐसे में घर के अंदर दिल बहलाने का क्या तरीका हो सकता है। जाहिर है हम टीवी देखते हैं या मोबाइल से कुछ मनोरंजन कर लेते हैं, लेकिन इस माहौल में भी अपराधी अमानवीय काम करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के आंकड़ों के अनुसार, लॉकडाउन में घरों में कैद अपराधी महिलाओं को खास तौर पर ऑनलाइन निशाना बना रहे हैं। यहां तक कि अपराधी महिलाओं के साथ यौन अपराध जैसे घिनौना कृत्य भी करने लगे हैं। एनसीडब्ल्यू के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अप्रैल में साइबर अपराध की 54 शिकायतें मिलीं, जबकि मार्च में 37 और फरवरी में 21 शिकायतें मिली थीं। लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
आकांक्षा फाउंडेशन की संस्थापक आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा, ''हमें 25 मार्च से 25 अप्रैल तक साइबर अपराध की कुल 412 शिकायतें मिलीं। इनमें से 396 शिकायतें गंभीर थीं, जिनमें यौन शोषण, अभद्र व्यवहार, अनचाही अश्लील तस्वीरें लेना, धमकियां, अकाउंट हैक करने का दावा करने वाले ईमेल, फिरौती की मांग करना, ब्लैकमेल तथा अन्य अपराध शामिल थे। अब सवाल है कि इन साइबर अपराधियों से कैसे निपटा जाए। यहां हम कुछ तरीके बता रहे हैं।
1. सुरक्षित तरीके से अपना नाम ऑनलाइन डालें। पासवर्ड को हमेशा न्यूमेरिक और अल्फावेटिकल दोनों मोड में डालें।
2. आपके सोशल मीडिया अकाउंट या ई-मेल पर कुछ भी अनजान चीज आए तो इसके लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। जब आप फोन या ई-मेल पर जानकारी मांगने वाले किसी लिंक पर क्लिक करती हैं तो आपका कैमरा और माइक्रोफोन खुल जाता है और आपके निजी पलों को कैद कर लेता है। फिर इसका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए किया जाता है। इसलिए कभी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
3. लेपटॉप में एंटी वायरस और एंटी स्पाई वायरस के अपडेट करते रहे।
4. कई चीजों के लिए आपसे ऑनलाइन प्राइवेसी पॉलिसी पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में किसी भी अनजान वेबसाइट पर ऐसा न करें। अगर किसी आधिकारिक वेबसाइट पर यह सब करना अत्यंत आवश्यक है तो भी उसे सही तरीके से पढ़ लें।
5. ऐसे व्यक्ति से कभी न मिलें, जिससे सिर्फ ऑनलाइन परिचय है। एकदम चौकन्ना और सावधानी के साथ ऑनलाइन पहचान वाले व्यक्ति को परखें।
6. आमतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ई-मेल यहां तक कि लेपटॉप से किसी महिला की तस्वीर ले ली जाती और उसमें फोटोशॉप से झेड़छाड़ कर अश्लील बना दी जाती है। इसके बाद सोशल मीडिया के व्यक्तिगत माध्यम से सेक्सोटोर्शन किया जाता है। यानी धमकी दी जाती है कि ऐसा करो, वरना हम इसे सार्वजनिक कर देंगे। ऐसे मामले में महिलाओं को एकदम सावधानी बरतनी चाहिए। सबसे पहले पुलिस के साइबर सेल में फोन करना चाहिए। अगर मामला अत्यंत गंभीर है तो राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन 181 या पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करना चाहिए।
Written By Shahina Noor