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Stay Home Stay Empowered: कोरोना लॉकडाउन के बाद इस तरह बदल जाएंगे ऑफिस और घर के डिजाइन

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद घर और ऑफिस दोनों काफी हद तक बदल जाएंगे। घर और ऑफिस का डिजाइन ऐसा होगा जिससे वायरस से बचाव हो सके।

By Vineet SharanEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 09:33 AM (IST)
Stay Home Stay Empowered: कोरोना लॉकडाउन के बाद इस तरह बदल जाएंगे ऑफिस और घर के डिजाइन
Stay Home Stay Empowered: कोरोना लॉकडाउन के बाद इस तरह बदल जाएंगे ऑफिस और घर के डिजाइन

नई दिल्ली, विनीत शरण। दुनियाभर के लोग लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं। वहीं, यूक्रेन के आर्किटेक्ट सर्गेई मखनो, लिक्विड स्पेस के सीईओ मार्क गिलब्रीद और रियल एस्टेट विशेषज्ञ जूली व्हेलन समेत कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद घर और ऑफिस दोनों काफी हद तक बदल जाएंगे। सर्गेई मखनो के अनुसार, कोरोना खत्म होने के बाद जीवन पहले जैसा नहीं होगा, हमारी आदतें बदल जाएंगी और बदल जाएंगे जीवन मूल्य। इसके प्रभाव से घर से लेकर ऑफिस तक के डिजाइन भी बदल जाएंगे। 

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अपार्टमेंट की जगह घर को प्राथमिकता

ऊंची इमारतों में एक जगह बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। लेकिन यह सेहत और सफाई के लिहाज से अच्छा नहीं होता है। लिफ्ट, लिफ्ट की बटन और पास-पास रहने वाले पड़ोसी एक-दूसरे को संक्रमित कर सकते हैं। वहीं, अगर फ्लैट में बालकनी नहीं है तो मुश्किल और बढ़ जाती है। ऐसे में भविष्य में लोग फ्लैट की जगह छोटे ही सही, पर घर में रहना पसंद करेंगे, जहां आंगन और छत हो। घर का मुख्य मकसद सुऱक्षा होगा। शहरीकरण कम होगा और लोग छोटे गांवों व कस्बों की ओर लौटेंगे। बंकर के निर्माण बढ़ेंगे, जिसमें लोगों को आपदा की स्थिति में सुरक्षित रहने की ट्रेनिंग भी मिलेगी। ऐसी इमारतें बढ़ेंगी, जिनमें गढ़ जैसी सुरक्षा होगी।

बढ़ेंगे अंडरग्राउंड फ्लोर

घरों और इमारतों में अंडरग्राउंड यानी माइनस फ्लोर बढ़ेंगे। इसका इस्तेमाल पानी और खाने को स्टोर करने के लिए किया जाएगा। घरों को इस तरह तैयार किया जाएगा कि वे प्राकृतिक आपदाओं और मानव निर्मित आपदाओं को झेल सकें। अब तक ओपेन प्लेन स्पेस, इंट्रेंस, लिविंग रूम, डाइनिंग स्पेस और किचन को एक साथ बनाने का ट्रेंड चल रहा था, लेकिन अब यह चलन खत्म होगा। नए ट्रेंड में घर का एंट्रेंस और रहने का एरिया अलग होगा। एंट्रेस में ही लोग जूते, कपड़े और अपने सामान रखेंगे।

बिजली और पानी में आत्मनिर्भर

इमारत और घरों को पानी और बिजली के उत्पादन के लिहाज से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। गर्म पानी के लिए जियोथर्मल वॉल काफी प्रचलित है और आगे यह ज्यादा बढ़ेगी। घरों में स्टोव, फायरप्लेस, सॉलिड फ्यूल ब्वॉयलर, फ्यूल जेनरेटर और सोलर पैनल बढ़ेंगे।

हर घर में इंटरनेट की सुविधा

अभी सैटेलाइट इंटरनेट तकनीक महंगी है और यह केवल समुद्री यातायात, खनन और बड़ी कंपनियों के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन भविष्य में सैटेलाइट इंटरनेट सुविधा दुनिया के हर घर तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। वनवेब और स्पेस एक्स जैसी कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं और कई सेटलाइट लांच कर चुकी हैं।

फिल्ट्रेशन और न्यूट्रलाइजेशन

घरों में पानी और हवा के फिल्ट्रेशन का चलन भी बढ़ेगा। स्मार्ट होम का निर्माण ज्यादा तेजी से होगा, ताकि घर के तापमान को नियंत्रित किया जा सके और बाहर से आने वाली हवा को साफ किया जा सके। घर का एक हिस्सा ऐसा होगा, जहां वायरस को रोकने और खत्म करने की कोशिश होगी। इस हिस्से में सामान की डिलिवरी और मेहमान आएंगे। वहीं वायरस खत्म करने के लिए लैंप लगाए जाएंगे, जो अल्ट्रावायलेट रेडिएशन उत्पन्न करेंगे। ये रेडिएशन नुकसानदायक वायरस और बैक्टीरिया खत्म करेंगे।

घर बनेंगे ऑफिस

लॉकडाउन में लोग वर्क फ्रॉम होम करने को मजबूर हैं। पर आने वाले दिनों में वर्क फ्रॉम होम पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। घर के एक हिस्से को आपको वर्क फ्रॉम होम के लिए तैयार करना होगा।

घर में बागवानी

घर के पास और बालकनी में छोटा सा बगीचा बनाया जा सकता है। हमारे दादा-परदादा कहा करते थे कि बागवानी से मन को शांति मिलती है। पौधे के करीब आना मानसिक सेहत के लिए अच्छा होता है। वहीं, जो आप उगाते हैं, उसे खाने का मजा शानदार होता है। ये आपको सामान्य दिनचर्या से आजादी देता है, खासकर सेल्फ आइसोलेशन के दौर में। अब हमें घर के भीतर गार्डन तैयार कराने के बारे में सोचना होगा। इससे आपको घर के भीतर ही खाने का राशन और ऑक्सीजन मिलेगी। अब दीवारों पर ऊर्ध्वाधर खेती का भी चलन बढ़ेगा। अंडरग्राउंड प्लानटेशन यानी भूमिगत पौधारोपण भी बढ़ेगा। यहां कृत्रिम प्रकाश, पानी और वायु निस्पंदन, मिट्टी के उर्वरक से खेती होगी।

ऑफिस के डिजाइन में बदलाव

-ऑफिस के दरवाजे खुले होंगे। ऑटोमैटिक डोर ओपेन तकनीक का इस्तेमाल होगा।

-लिफ्ट के बटन का इस्तेमाल नहीं होगा। लिफ्ट में साउंट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो सकता है।

-ऑफिस का स्पेस ओपेन फ्लोर वाला नहीं होगा। हर जगह डिवाइडर होंगे।

-ऑफिस में जहां 10 लोग बैठते थे, वहां अब पांच ही बैठेंगे।

-लोगों के बीच में कम से कम छह फीट की दूरी होगी।

-मीटिंग रूम की कुर्सियां कम होंगी।

-ऑफिस में अब बार-बार सफाई होगी।

-संक्रमण कम करने के लिए अल्ट्रावायलेट लाइट का इस्तेमाल होगा।

-रोगाणु रोधी गुण वाले कपड़ों का इस्तेमाल होगा।

-ऑफिसों में नई तकनीकों पर निवेश बढ़ेगा।

-वीडियो कांफ्रेंसिंग का सब्सक्रिप्शन होगा।


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