झींगा और मशरूम से बनाई गई बुलेटप्रूफ कोटिंग, करेगी सैनिकों की युद्ध में हिफाजत
इस बुलेटप्रूफ कोटिंग्स का निर्माण करने के लिए झींगा मशरूम और अन्य जीवों की सामग्री का उपयोग करेंगेजिसकी मदद से युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों की जान का जोखिम कम होगा
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। युद्ध में सैनिकों की जान को अपने दुश्मनों से खतरा नहीं हो, उसके लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बुलेटप्रूफ कोटिंग का निर्माण किया है, जो गोलियों की बौछार, लेजर हमले, जहरीली गैस और अन्य खतरों से सैनिकों की रक्षा कर सकती है। युद्द में सैनिकों की जान की हिफाजत के लिए ये बुलेटप्रूफ कोटिंग एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
ह्यूस्टन विश्वविद्यालय ने बताया है कि सैनिकों की रक्षा के लिए दो भारतीय और एक अमेरिकी सहित तीन इंजीनियर मिलकर अत्यधिक प्रभावी एवं कई परत वाली बुलेटप्रूफ कोटिंग तैयार करने में जुटे हैं। ये इंजीनियर उच्च प्रभाव वाली बहुस्तरीय कोटिंग्स का निर्माण करने के लिए झींगा, मशरूम और अन्य जीवों की सामग्री का उपयोग करेंगे। इस बुलेटप्रूफ कोटिंग की मदद से युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों को जान का जोखिम कम होगा। ये जैकेट सैनिकों की हिफाजत करेगी।
अमेरिकी इंजीनियर इस कोटिंग में झींगा का उपयोग कर रहे हैं। ऑर्थ्रोपोड्स और कवक की सेलुलर दीवारों में पाए जाने वाले ग्लूकोज की एक व्युत्पन्न और 3 डी प्रिंटिंग तकनीक भी कोटिंग्स के उत्पादन में इस्तेमाल हो रही है।
विश्वविद्यालय ने कहा कि उसके यहां सामग्री अभियांत्रिकी कार्यक्रम के निदेशक करीम इस परियोजना के प्रधान अन्वेषक हैं, जिसके लिए अमेरिका के रक्षा विभाग ने 6,60,000 डॉलर की राशि दी है।
भारतीय मूल के रसायन एवं जैव-आणविक अभियांत्रिकी प्रोफेसर आलमगीर करीम के मुताबिक, ये उत्पाद प्राकृतिक तरीके से नष्ट होने वाले उत्पाद होंगे और इस तरह वे नष्ट होकर वापस प्रकृति के पास लौट सकते हैं। यह एक बहुत अच्छी और पर्यावरण के अनुकूल परियोजना है, जिसमें ऑटोमोबाइल, निर्माण और अन्य उद्योगों के लिए भी रास्ते खुल सकते हैं। भारतीय मूल के इन दोनों इंजीनियरों के साथ राबर्टसन नाम के एक अन्य इंजीनियर भी परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
Written By Shahina Noor