Move to Jagran APP

पुस्तक चर्चा: अपनी मिट्टी से जुड़ी धारदार कहानियां

‘गर्दन तक कर्ज में डूबे किसान देवजी अपने पुत्र को टी.बी. से बचा नहीं पाते हैं। दूसरी ओर किसान सुकेश आत्महत्या कर लेता है

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 10:24 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 10:31 AM (IST)
पुस्तक चर्चा: अपनी मिट्टी से जुड़ी धारदार कहानियां
पुस्तक चर्चा: अपनी मिट्टी से जुड़ी धारदार कहानियां

गांव और शहरी जीवन के बीच जड़ों से छूटने की मजबूरी और जुड़े रहने की चाह के द्वंद्व में फंसे मानव की संघर्ष गाथा की कलात्मक प्रस्तुति के रूप में इस संग्रह की शीर्षक कहानी में ‘गर्दन तक कर्ज में डूबे किसान देवजी अपने पुत्र को टी.बी. से बचा नहीं पाते हैं। दूसरी ओर किसान सुकेश आत्महत्या कर लेता है किंतु उसकी मृत्यु पर पुलिस का कलुषित चरित्र देखकर देव जी ने यह इच्छा त्याग दी ताकि उनके परिवार को पुलिस द्वारा परेशान न किया जाए। कहानी का अंत गांव के भीतर खोखली होती मनुष्यता को जिस तरह दर्शाता है ‘पैमाइश’ का मणिकांत रिश्ते में लगने वाली विधवा भाभी सन्यासिन पर उसके दुख-दर्द को लेकर एक फिल्म बनाना चाहता है। मणिकांत के एक निहायत बेहूदा चरित्र वाले चाचा भी है। मुख्य रूप से इन तीन पात्रों के माध्यम से गांव की अच्छी-बुरी मानसिकता जिस तरह परत-दर-परत खुलती है वह निश्चित ही अनोखापन लिए हुए है।

loksabha election banner

इसी तरह ‘एक एकाउंटेंट की डायरी में मिट्टी की गंध’ में मिट्टी से मुख्य पात्र का अद्भुत प्रेम इस कहानी को श्रेष्ठ रचना का दर्जा दे जाता है। अपनी मां और बहनों की दुरावस्था बयान करते हुए शहर में एक बंगले के सामने मिट्टी पाकर वह अपने को रोक नहीं सका और थोड़ी सी मिट्टी जेब में भर लेता है। ‘नम्रता डर रही है’ में आज के भयावह आपराधिक माहौल में स्कूल से बच्चियों के देर से लौटने पर उस मां का डरना (जिसका पति एक्सिडेंट में अपने पांव गवां चुका है) कहानी को महत्वपूर्ण बना देता है। ‘रोशनियां’ में बाजारवाद के हमले से मैं पात्र का परिवार बिखरने लगता है और वह कुछ नहीं कर पाता है। इसके साथ ही ‘कुपुत्रोवाच’, ‘सहोदर’ तथा ‘तर्पण’ जैसी कहानियों से सजा यह संग्रह पूरी संवेदनशीलता के साथ ग्रामीण और शहरी जीवन को

विश्लेषण करता है।

पुस्तक: बीज-भोजी

लेखक: गौरीनाथ

प्रकाशक: अंतिका प्रकाशन, सी-56/यू.

जी.एफ-आई1, शालीमाार गार्डन, एक्स-2

गाजियाबाद-201005

मूल्य:140/

श्याम सुन्दर चौधरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.