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Covid Young Patient: कोरोना संक्रमित युवा मरीजों की सूंघने की क्षमता हो रही है ज्यादा प्रभावित - जानिए कैसे

Covid Young Patient युवा व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुआ है तो उसमें सूंघने की शक्ति तुरंत चली जाएगी जबकि बुजुर्गों में यह क्षमता बहुत अधिक प्रभावित नहीं होगी।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 05:36 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 05:36 PM (IST)
Covid Young Patient: कोरोना संक्रमित युवा मरीजों की सूंघने की क्षमता हो रही है ज्यादा प्रभावित - जानिए कैसे
Covid Young Patient: कोरोना संक्रमित युवा मरीजों की सूंघने की क्षमता हो रही है ज्यादा प्रभावित - जानिए कैसे

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल। हम सब जानते हैं कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में सूंघने की क्षमता कम हो जाती है। कोरोना संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में इसे शामिल किया गया है। यह रिसर्च कोरोना महामारी फैलने के शुरुआती चरण में ही सामने आ गई थी। अब एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि कोरोना से संक्रमित युवा मरीजों में बुजुर्गों की तुलना में सूंघने की क्षमता ज्यादा प्रभावित होती है।

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आयरलैंड में हुए इस अध्ययन में कोरोना से संक्रमित लोगों को कई चीजों को सूंघकर उसका गंध महसूस करने के लिए कहा गया। उन्हें चीजों के गंध सूंघने के अलावा कुछ खाने वाली चीजों के स्वाद को भी परखने के लिए कहा गया। इस अध्ययन में पाया गया कि अध्ययन में शामिल आधे लोगों ने गंध और स्वाद की समझ को खो दिया। कोरोना संक्रमण में गंध और स्वाद का जाना प्रमुख लक्षणों में माना जाता है। इस अध्ययन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि जब यही प्रयोग बुजुर्ग लोगों पर किया गया तो उन्होंने गंध और स्वाद की पहचान युवा लोगों की तुलना में कहीं अधिक दिखाई दी। यानी इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई युवा व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुआ है तो उसमें सूंघने की शक्ति तुरंत चली जाएगी जबकि बुजुर्गों में यह क्षमता बहुत अधिक प्रभावित नहीं होगी। 

संक्रमण के एक घंटे में ही स्वाद और गंध की क्षमता प्रभावित

शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना संक्रमण के मामले में खांसी और बुखार जैसे प्रमुख लक्षणों के बजाय युवाओं में गंध और स्वाद का जाना ज्यादा प्रभावशाली है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जैसे ही कोरोना का संक्रमण होता है मरीज एक घंटे के अंदर ही स्वाद और गंध को पहचानने की क्षमता खो देता है। इसलिए शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि अगर युवाओं में गंध और स्वाद को पहचानने की क्षमता प्रभावित होती है तो वह तुरंत खुद को क्वारंटाइन कर लें। इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता सेंट जेम्स हॉस्पीटल डबलिन के डॉक्टर कोम केर ने बताया कि यह अध्ययन कोविड-19 के मरीजों में स्वाद और गंध की क्षमता में कमी होने को पुख्ता प्रमाण के तौर पर दर्शाता है और युवा मरीजों में इस तरह की भावनाओं से गड़बड़ी पैदा होने की आशंका व्यक्त करता है। ऐसा माना जाता है कि कोरोना संक्रमण के समय वायरस व्यक्ति की संवेदी तंत्रिका कोशिका में प्रवेश कर जाते हैं जिससे दिमाग को स्वाद या गंध की सूचना नहीं मिल पाती है। 

                Written By Shahina Noor


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