Move to Jagran APP

कहीं आप भी नहीं दूध से जुड़ी इन गलतफहमियों का शिकार, जानें इसके पीछे का सच

दूध डाइट का ज़रूरी हिस्सा है जिसे लेकर कई तरह की गलतफहमियां होती हैं। तो इससे जुड़े कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब दे रही हैं फोर्टिस हॉस्पिटल की चीफ न्यूट्रनिस्ट डॉ संध्या पांडेय।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 08:16 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 07:00 AM (IST)
कहीं आप भी नहीं दूध से जुड़ी इन गलतफहमियों का शिकार, जानें इसके पीछे का सच
कहीं आप भी नहीं दूध से जुड़ी इन गलतफहमियों का शिकार, जानें इसके पीछे का सच

जब भी कैल्शियम युक्त आहार की बात होती है तो सबसे पहले हमारे दिमाग में दूध का ख्याल आता है। इसे पीने को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां प्रचलित हैं। यहां दिए गए सवालों के जवाब पढऩे के बाद आपकी भी सारी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी। तो आइए जानते हैं इसे...

loksabha election banner

1. किसी स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन कितनी मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए?

यह कई बातों पर निर्भर करता है। इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं है। दूध से शरीर को कैल्शियम, फैट और प्रोटीन का पोषण मिलता है। नॉन-वेजटेरियन लोगों को मछली, अंडा और चिकेन जैसी चीज़ों से ऐसे ज़रूरी तत्व मिल जाते हैं लेकिन शाकाहारी लोग इसके लिए दूध पर ही निर्भर होते हैं। हालांकि यह भी ज़रूरी नहीं है कि नॉनवेज खाने वाले लोग प्रतिदिन ऐसी चीज़ों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें। इसीलिए सभी को प्रतिदिन कुल 1/2 लीटर दूध (इममें चाय-कॉफी, मिल्कशेक, लस्सी या छाछ को भी शामिल किया जाता है) का सेवन करना चाहिए।    

2. इस बात में कितनी सच्चाई है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शुद्ध दूध हजम नहीं होता, इसलिए उन्हें दूध में पानी मिला कर देना चाहिए?

यह बात बिलकुल सच है लेकिन दूध में पानी मिलाकर देना इस समस्या का समाधान नहीं है। दरअसल इतनी छोटी उम्र में लैक्टोज़ इनटॉलरेंस का पता नहीं लगाया जा सकता। इसीलिए एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मां का दूध ही पर्याप्त होता है। अगर किसी वजह से शिशु का पेट नहीं भरता तो उसे डिब्बाबंद मिल्क देना चाहिए। एक साल की उम्र के बाद शिशु को गाय का दूध देना ठीक रहता है क्योंकि तुलनात्मक रूप से इसमें फैट की मात्रा कम होती है और यह शिशु के लिए सुपाच्य होता है। 

3. क्या ठंडा दूध एसिडिटी से बचाव में मददगार होता है? 

कुछ लोग ऐसा मानते हैं पर इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

4. सेहत के लिए गाय का दूध फायदेमंद होता है या भैंस का?

सेहत के लिए दोनों ही फायदेमंद हैं लेकिन तुलनात्मक रूप से भैंस के दूध में फैट की मात्रा दोगुनी होती है, इसलिए जो लोग ओबेसिटी से बचना चाहते हैं, उन्हें गाय के दूध का ही सेवन करना चाहिए। 

5. क्या सर्जरी के बाद दूध पीने से स्टिचेज़ में पस बनने की आशंका रहती है?

यह भ्रामक धारणा है। इस समस्या से दूध का कोई संबंध नहीं हैं बल्कि सर्जरी के बाद सेहत में सुधार के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की ज़रूरत होती है और इसके लिए दूध पीना फायदेमंद होता है।

6. क्या दूध में चीनी मिला कर पीना सेहत के लिए नुकसानदेह होता है?

आधुनिक जीवनशैली में घटती शारीरिक गतिविधियों के कारण केवल बड़ों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी ओबेसिटी की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। दूध में चीनी मिलाकर पीने से शरीर में अतिरिक्त कैलरी का संग्रह होता है। दूध में कुदरती मिठास होती है, अगर शुरू से ही बच्चों को फीका दूध दिया जाए तो उन्हें इसकी आदत पड़ जाएगी और ओबेसिटी की समस्या नहीं होगी।

7. आजकल बाज़ार में कई तरह के फ्लेवर्ड मिल्क उपलब्ध हैं, उनका सेवन कितना सुरक्षित होता है?

फ्लेवर्ड मिल्क में बहुत चीनी होती है, जो डायबिटीज़ के लिए जि़म्मेदार होती है। अगर बाज़ार में बिकने वाले टेट्रा पैक खरीदने के बजाय केला, आम, प्लम, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों से घर पर ही मिल्क शेक तैयार किया जाए तो यह सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ स्वादिष्ट भी होता है।    

8. लैक्टोज़ इनटॉलरेंस एलर्जी क्यों होती है? अगर किसी को ऐसी समस्या है तो कैल्शियम के पोषण के लिए उसे अपनी डाइट में किन चीज़ों को शामिल करना चाहिए?

हर व्यक्ति में इस एलर्जी के कई स्तर देखने को मिलते हैं। उन्हें पहचानने के बाद उसी आधार पर बचाव के तरीके अपनाए जाते हैं। जिन्हें हल्की एलर्जी होती हैं, उन्हें दूध में चॉकलेट पाउडर या कोई एनर्जी ड्रिंक मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। सुबह दूध के साथ दलिया, ओट्स, कॉर्नफ्लेक्स जैसे सीरियल्स खाने से भी एलर्जी नहीं होती। ऐसे लोगों के लिए दही या पनीर का सेवन भी फायदेमंद होता है। कुछ लोगों को दूध से ज्य़ादा एलर्जी होती है। तब उन्हें सोया मिल्क जैसे प्रोडक्ट्स अपनाने की सलाह दी जाती है। अगर लैक्टोज़ इनटॉलरेंस एलर्जी ज्य़ादा हो तो किसी एक्सपर्ट की मदद से अपने लिए डाइट प्लैन तैयार करवा लें।  

9. कुछ लोगों को दूध का स्वाद पसंद नहीं होता। क्या पनीर, दही या चीज़ जैसे अन्य मिल्क प्रोडक्ट्स के जरिये शरीर को कैल्शियम का पर्याप्त पोषण मिल जाता है?

ऐसे लोग दूध में चॉकलेट पाउडर जैसी चीज़ें मिलाकर या उसका शेक बना कर पी सकते हैं। दही, पनीर या चीज़ जैसे मिल्क प्रोडक्ट्स के सेवन से शरीर को प्रोटीन और कैल्शियम का पोषण मिल जाता है।  

10. आजकल कुछ लोग वीगन डाइट अपनाते हैं, जिसमें किसी भी मिल्क प्रोडक्ट का सेवन वर्जित माना जाता है। ऐसे लोगों को कैल्शियम के लिए किन चीज़ों का सेवन करना चाहिए?

ऐसी डाइट अपनाने वाले लोगों को हर तरह की दालें, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स, हरी सब्जि़यों और फलों का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए, ताकि उन्हें कैल्शियम और प्रोटीन सहित सभी आवश्यक विटमिंस का पोषण मिले। ऐसे लोगों को किसी न्यूट्रिशनिस्ट से मिलकर अपने लिए एक संतुलित डाइट चार्ट बनवा लेना चाहिए।     

11. आजकल फुल क्रीम, टोंड और डबल टोंड जैसी कई कैटेगेरीज़ में दूध का विभाजन होता है। अलग-अलग लोगों के लिए किस तरह का दूध फायदेमंद होता है?

बच्चों को ज्य़ादा एनर्जी की ज़रूरत होती है। इसलिए उन्हें फुल क्रीम दूध देना चाहिए। बड़ों के लिए उनकी पसंद के अनुसार टोंड या डबल टोंड बेहतर विकल्प है।  

12. कुछ बच्चों को मलाई का स्वाद पसंद नहीं होता, ऐसे में रात को उबाले गए दूध से मलाई निकाल कर देना कितना सही है?

गुनगुने दूध के ऊपर जमी हल्की मलाई को छान कर देने में कोई हजऱ् नहीं है लेकिन कुछ स्त्रियां शाम को दूध उबाल कर फ्रिज में रख देती हैं और सुबह उससे सारा क्रीम निकालने के बाद बच्चे को देती हैं। यह तरीका सही नहीं है, इससे बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता।

13.  क्या यह सच है कि मछली खाकर दूध पीने से स्किन एलर्जी हो सकती है?

नहीं, यह एक भ्रामक धारणा है। 

14. दूध पीने का सही समय क्या होना चाहिए? क्या रात को सोने से पहले दूध पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है?

यह व्यक्ति की अपनी पसंद पर निर्भर करता है। दूध में ट्रिप्टो$फैन नामक तत्व पाया जाता है। यह सिरोटोनिन हॉर्मोन के सिक्रीशन को बढ़ा देता है, जो अच्छी नींद के लिए जि़म्मेदार होता है। इसलिए रात को दूध पीने के बाद अच्छी नींद आती है। डिनर और दूध पीने के समय में कम से कम एक घंटे का गैप होना चाहिए। कुछ लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि रात को उन्हें दूध हजम नहीं होता। ऐसी स्थिति में वे सुबह या शाम को नाश्ते के बाद दूध पी सकते हैं।  

15. क्या यह सच है कि लैक्टेशन पीरियड के दौरान स्त्रियों को अधिक मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए? 

इस दौरान शरीर को अधिक मात्रा में प्रोटीन और कैल्शियम सहित अन्य पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। दूध अपने आप में कंप्लीट फूड है, इसीलिए लैक्टेशन पीरियड में दूध का सेवन ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के साथ मां की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.