World TB Day 2023: शुगर के मरीजों में 4 गुना बढ़ जाता है टीबी के इन्फेक्शन का खतरा
World TB Day 2023 विश्व टीबी दिवस (World TB Day) हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य टीबी (Tuberculosis) को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करना है। आइए जानें कि डायबिटीज और टीबी में क्या संबंध है।
नई दिल्ली, रूही परवेज़। World TB Day 2023: हर साल 24 मार्च को दुनियाभर में विश्व टीबी दिवस (World TB Day 2023) मनाया जाता है। इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO इस दिन दुनिया भर में तरह-तरह के कार्यक्रम का आयोजन करता है। जिसके जरिए दुनिया भर के लोगों में इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा की जाती है। टीबी से जुड़े मिथक भी कई हैं, जिन पर आज भी लोग यकीन करते हैं।
टीबी एक गंभीर बीमारी है, जो दूसरी बीमारी के साथ आपके शरीर को कमजोर कर सकती है। जैसे कि जो लोग डायबेटिक होते हैं, उनमें टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानें टीबी और डायबिटीज में क्या संबंध है।
टीबी का खतरा बढ़ाती है डायबिटीज
सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग में एंडोक्राइनोलॉजी में सलाहकार डॉ. डेविड चांडी ने बताया, डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, यानी इससे रिकवर नहीं हुआ जा सकता। हमारा शरीर खाने को ऊर्जा में कैसे बदलता है, डायबिटीज इस प्रॉसेस को प्रभावित करती है। वहीं, ट्यूबरक्लोसिस (TB) स्वास्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो डायबिटीज से पीड़ित हैं। टीबी एक वैश्विक स्वास्थ्य खतरा है, विशेष रूप से गरीबों और अतिसंवेदनशील लोगों के लिए। यह अनुमान लगाया गया है कि औसतन लगभग 9 से 10 मिलियन लोग टीबी से प्रभावित होते हैं और सालाना लगभग 1 से 2 मिलियन लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।
जो लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं, उनमें टीबी होने का खतरा दो से चार गुना ज्यादा हो जाता है। वहीं, टीबी से पीड़ित 30% लोगों को मधुमेह होने की संभावना होती है।
टीबी और डायबिटीज में संबंध
अब कमजोर इम्यूनिटी के समान्य कारणों में डायबिटीज सबसे बड़ा कारण बन गई है, जिसकी वजह से टीबी का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके लक्षण ऐसे हो सकते हैं:
- बुखार और खांसने पर खून आना, आम लोगों के मुकाबले डायबिटीज के मरीजों में ज्यादा आम है।
- आमतौर पर अन्य अंगों की तुलना में फेफड़ों की भागीदारी, मधुमेह के साथ टीबी में देखी जाती है।
दो तरह की होती है टीबी
पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबिटीज सलाहकार, डॉ. पीयूष लोढ़ा ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना है कि डायबिटीज, टीबी के मामले में खतरे को बढ़ाती है। पिछले कुछ दशकों में दुनियाभर में डायबिटीज के मरीज बढ़े हैं, जिसके पीछे लाइफस्टाइल में बदलाव है। इसके अलावा कई रिसर्च में पाया गया है कि डायबिटीज टीबी के जोखिम को बढ़ाती है। जो लोग टीबी से पीड़ित होते हैं उनमें डायबिटीज का खतरा भी दो से चार गुना बढ़ जाता है।
टीबी एक गंभीर बीमारी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें डायबिटीज है। टीबी दो तरह की होती है: पहली लेटेंट टीबी और दूसरी एक्टिव टीबी। जो लोग लेटेंट टीबी इन्फेक्शन के शिकार होते हैं, वे बीमार नहीं होते और उनका शरीर बैक्टीरिया से लड़ता है। वहीं, एक्टिव टीबी में शरीर बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में नाकाम हो जाता है, और इसलिए लोग बीमार पड़ जाते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।