World Sleep Day 2020: नींद ना हो पूरी, तो बढ़ता है अकेलापन, सोशल लाइफ पर भी पड़ता है असर
World Sleep Day 2020 दुनियाभर में हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड स्लीप डे की थीम बेहतर नींद बेहतर लाइफ और बेहतर ग्रह है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Sleep Day 2020: आज वर्ल्ड स्लीप डे है और इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं कि नींद पूरी ना होने की वजह से किस तरह इसका असर आपके दिमाग़ पर पड़ने लगता है और आप अकेलापन महसूस करने लगते हैं। दुनियाभर में हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड स्लीप डे मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड स्लीप डे की थीम 'बेहतर नींद, बेहतर लाइफ और बेहतर ग्रह' है। वर्ल्ड स्लीप डे मनाने का उद्देश्य लोगों को 7-8 घंटे सोने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जागरूक करना है।
कहते हैं कि फिट रहने के लिए सात से आठ घंटे की नींद पूरी होना ज़रूरी है। ऐसा नहीं होने पर तमाम तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। सबसे ज़्यादा बुरा असर तो मेंटल हेल्थ पर पड़ता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपकी नींद पूरी नहीं होती है तो आप समाज से कटने लगते हैं, अकेले पड़ जाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर नींद का अकेलेपन से क्या लेना-देना है तो हम आपको बताते हैं। एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि नींद का सीधा संबंध अकेलेपन और समाज के कटने से है।
नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, जो लोग अच्छी नींद लेते हैं वो लोगों से अच्छी तरह से अपनी बात रख पाते हैं। वे समाज से ज़्यादा घुल-मिल पाते हैं लेकिन जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है, वे समाज से कटने लगते हैं। वे लोगों से घुल-मिल नहीं पाते हैं। इसलिए वे अकेले पड़ने लगते हैं। वहीं नींद पूरी नहीं होने से लोगों में गुस्सा, चिड़चिड़ापन भी बढ़ जाता है। शरीर थका-थका रहता है। इसलिए कोशिश करें कि आपकी नींद पूरी हो।
ये है वजह
शोधकर्ताओं का कहना है कि दिमाग का जो हिस्सा सामाजिक तौर पर सहानुभूति के लिए ज़िम्मेदार होता है, अगर आप भरपूर नींद नहीं लेते हैं तो वह बेहतर तरह से काम नहीं कर पाता है। इसलिए ऐसे लोग दूसरों से अच्छे से व्यवहार नहीं कर पाते।