World Mosquito Day: मच्छरों से पनपने वाली खतरनाक बीमारी है डेंगू, ऐसे करें बचाव और इलाज
World Mosquito Day बरसात में गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। मच्छरों के काटने से व्यक्ति डेंगू चिकुनगुनिया मलेरिया से ग्रस्त हो जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। देश में अगस्त महीने में जब वर्षा के कारण जल भर जाता है, बाढ़ के कारण जगह-जगह पानी संचित हो जाता है, तो इस मच्छर को पनपने का अवसर मिलता है। बरसात के मौसम के दौरान डेंगू बुखार एडीज मच्छर द्वारा फैलता है। देश में लगभग 60 लाख लोग प्रतिवर्ष डेंगू के संक्रमण के घेरे में रहते हैं। बरसात में घर में कूलर, गमले, टायर आदि स्थानों पर पानी जमा रहने से मच्छर पनपते हैं।
तब हो जाएं सजग
एडीज मच्छर के काटने के 5 से 10 दिनों के अंतराल पर डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट होने लगते हैं
1. तेज बुखार।
2. सिरदर्द।
3. आंखों के पिछले हिस्से में दर्द।
4. जी मिचलना व उल्टी आना।
5. गर्दन तथा पीठ में दर्द, अकड़न।
6. जोड़ों तथा मांसपेशियों मे ऐंठन और दर्द।
7. त्वचा पर चकत्ते उभरना।
8. शारीरिक कमजोरी व थकान।
पहली स्टेज में रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए लगभग 15 से 20 गिलास। पपीते का सेवन प्लेटलेट की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है। बुखार के उतरने के चार से नौ दिनों के बीच में प्लेटलेट की संख्या कम होती जाती है यही वह समय है जब विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
बात इलाज की
लक्षणों के आधार पर इस रोग का इलाज किया जाता है। जैसे तेज बुखार होने पर रोगी को पैरासीटामॉल दिया जाता है। अधिक-से-अधिक तरल पदार्थ लेना आवश्यक है। पपीते का सेवन लाभदायक है। अगर व्यक्ति में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाए या रक्तस्राव शुरू हो जाए तो प्लेटलेट रक्त के द्वारा चढ़ाए जाते हैं।
बेहतर है बचाव
घर के आस-पास के वातावारण को स्वच्छ रखें ताकि मच्छर न पनपने पाएं। इसलिए इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
1. घर के बर्तनों और बाल्टी, जिनमें पानी जमा रहता है, उन्हें खाली कर उल्टा रखना चाहिए, जिससे पानी जमा न हो। अगर ऐसा संभव न हो तो यदि इन बर्तनों को भली-भांति ढककर रखना चाहिए।
2. घर के खाली गमलों को अच्छी तरह साफ रखना चाहिए तथा गमलों के पौधों में जरूरत से ज्यादा पानी नहीं डालें, क्योंकि पानी अधिक एकत्र रहेगा तो डेंगू के मच्छर पनपने की आशंका बनी रहेगी।
3. बरसात के मौसम में मच्छरदानी का प्रयोग करें, विशेषकर शिशुओं को दिन में अधिक नींद आती है। इसलिए उन्हें मच्छरदानी में ही सुलाना चाहिए, क्योंकि यह मच्छर दिन में ही काटता है।
4. शरीर पर कपडे़ ऐसे पहनें, जिससे बांह-पैर पूरी तरह ढक जाएं। पूरी बांह की कमीज या पेंट आदि पहन लें। यदि टी शर्ट या हाफपैंट पहनें तो शरीर पर मच्छर प्रतिरोधी क्रीम का प्रयोग सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है।
5. घर में यदि कूलर है तो निश्चित अविधि पर उसकी सफाई करें और पानी को जमा न होने दें।