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World Malaria Day 2024: मलेरिया का वक्त रहते पहचान ही है वरदान, इन लक्षणों से लगाएं इसका पता

मलेरिया की रोकथाम और बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है। मलेरिया का वक्त पर इलाज न होने की वजह से यह गंभीर रूप ले सकता है और जान जाने का खतरा भी रहता है। इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। जानें मलेरिया के शुरुआती लक्षणों के बारे में।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Thu, 25 Apr 2024 11:57 AM (IST)
World Malaria Day 2024: मलेरिया का वक्त रहते पहचान ही है वरदान, इन लक्षणों से लगाएं इसका पता
मलेरिया के इन लक्षणों की मदद से लगाएं इसका वक्त रहते पता

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। World Malaria Day 2024: मछरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए, इनसे होने वाली बीमारियों के प्रति सतर्क होना बेहद जरूरी है। मछरों से होने वाली बीमारियों में सबसे आम बीमारी मलेरिया है, जो वक्त पर इलाज न मिलने की वजह से जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे मनाया जाता है।

इस दिन मलेरिया से बचाव और उसके लक्षणों के बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है। इस साल की थीम भी मलेरिया के बेहतर इलाज और बचाव पर जोर देती है। इसलिए इस आर्टिकल में हम मलेरिया के कुछ लक्षणों के बारे में बताने वाले हैं, जिनसे इसका जल्दी पता लगाने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं मलेरिया के कुछ शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं।

क्या है मलेरिया?

मलेरिया प्लास्मोडियम नाम के पैरासाइट की वजह से होता है, जो मछर के काटने की वजह से हमारे शरीर में प्रवेश करता है। मलेरिया के पैरासाइट फैलाने वाले मछर एनोफिलीस नाम से जाने जाते हैं। हालांकि, मछर के काटने से बचकर, इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

अपने घर के आस-पास पानी न इकट्ठा होने देना, शाम के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनना, मछरदानी का इस्तेमाल करना, इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करना, अपने कूलर का पानी नियमित रूप से बदलना और साफ-सफाई रखने से मछरों को पनपने से रोका जा सकता है, जो मलेरिया के खतरे को कम करते हैं।

यह बीमारी नॉन कम्यूनिकेबल है, यानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती है। इसके कुछ लक्षणों की मदद से इस बीमारी का वक्त पर पता लगाया जा सकता है, जिससे मरीज की जान बचाने में काफी मदद मिल सकती है।

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क्या हैं मलेरिया के लक्षण?

  • तेज बुखार- मलेरिया के सबसे आम और सबसे पहले नजर आने वाले लक्षणों में तेज बुखार शामिल है। हालांकि, तेज बुखार के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना मददगार हो सकता है।
  • ठंड लगना- तेज बुखार की वजह से ठंड लगने या कंपकंपी की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इस लक्षण पर भी खास ध्यान दें।
  • यूरिन में खून आना- मलेरिया की पहचान इस लक्षण से भी की जा सकती है। यूरिन से खून आना इस बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए यह लक्षण दिखने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
  • डायरिया- मलेरिया की वजह से पेट खराब होने और लूज मोशन्स की समस्या हो सकती है।
  • मितली या उल्टी- मलेरिया की वजह से मितली या उल्टी की समस्या हो सकती है। ज्यादा उल्टी होने की वजह से शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से तुंरत संपर्क करना जरूरी है।
  • बहुत ज्यादा थकान- मलेरिया के आम लक्षणों में बहुत अधिक थकान होना भी शामिल है।
  • शरीर में दर्द- पेट और सिर में दर्द, मांसपेशियों में ऐठन जैसी समस्या भी हो सकती है।
  • दौरा पड़ना- इन्फेक्शन की वजह से मांसपेशियों में अकड़न और शेकिंग होने लगती है, जिसे दौरा पड़ना कहते हैं। हालांकि, यह मलेरिया के गंभीर लक्षणों में शामिल है।
  • सांस लेने में तकलीफ- मलेरिया की वजह से सांस फुलना या ठीक से सांस न ले पाने जैसी तकलीफें भी हो सकती हैं।
  • बेहोश होना या कंफ्यूजन- मलेरिया के गंभीर मामलों में व्यक्ति का होश में न रहना या कंफ्यूजन होने जैसी शिकायत भी हो सकती है।

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Picture Courtesy: Freepik