World Hypertension Day: लाइफस्टाइल में इन बदलावों से काफी हद तक कम कर सकते हैं हाइपरटेंशन का जोखिम
World Hypertension Day हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर जिसका समय रहते उपचार और बचाव न किया गया तो स्ट्रोक हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो इसके जोखिम को कम करने के लिए जरूरी है लाइफस्टाइल में ये सारे बदलाव।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Hypertension Day: हाई बीपी को ही हाइपरटेंशन नाम से भी जाना जाता है। जो स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं की वजह बन सकती है। वैसे हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि व्यक्ति में सालों तक इसके लक्षण नजर ही नहीं आते। तो समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहें जिससे छोटी-बड़ी बीमारियों का समय रहते पता लग सके। हाइपरटेंशन के जोखिम को लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों से काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं इनके बारे में।
स्ट्रेस फ्री रहने की कोशिश करें
तनाव और घबराहट ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करते हैं तो अगर आप छोटी-छोटी बातों से परेशान हो जाते हैं और घंटों तक उसे लेकर स्ट्रेस में रहते हैं तो इसपर ध्यान दें। इसे दूर करने के लिए लॉफ्टर थेरेपी लें, अपनी मनपसंद की चीज़ें करें, मेडिटेशन से भी काफी हद तक स्ट्रेस दूर होता है।
पर्याप्त नींद लें
देर रात कर काम करने, टीवी-मोबाइल पर लगे रहने से नींद डिस्टर्ब हो जाती है जिसकी वजह से दिनभर थकान और मूड चिड़चिड़ा रहता है। नींद की कमी भी तनाव की वजह बन सकती है और तो और इससे ब्लड शुगर के साथ हाइपरटेंशन की संभावना भी बढ़ जाती है।
वजन कंट्रोल में रखें
हाइपरटेंशन की समस्या से दूर रहने के लिए वजन भी कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए चीनी, नमक, सोडा, रेड मीट, फ्राइड आइटम्स से दूर रहें। नाश्ते से लेकर लंच और डिनर तक का टाइम फिक्स करें। स्नैक्स में भी तला-भुना खाना अवॉयड करें। बढ़ती उम्र में होने वाली परेशानियों से बचे रहने के लिए वजन को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है।
एक्सरसाइज़ करें
ऐसे कई सारे मिथ फैले हुए हैं कि बीपी के मरीजों को फिजिकल एक्टिविटीज़ अवॉयड करनी चाहिए क्योंकि ये बीपी बढ़ा सकते हैं लेकिन ये सच नहीं है। बल्कि फिजिकल एक्टिविटीज़ से ब्लड प्रेशर को काफी हद तक हद कंट्रोल में रखा जा सकता है साथ ही रोजाना ए्क्सरसाइज स्ट्रेस और वजन कम करने में भी मददगार है।
नमक कम खाएं
बहुत ज्यादा नमक भी हाइपरटेंशन की वजह बन सकता है। नमक पानी को सोखता है। हाई बीपी के मरीज जब ज्यादा नमक खाते हैं तो संतुलन बनाने के लिए नमक पानी को सोखता है, जिससे खून में नमक और पानी की मात्रा बढ़ जाती है तथा धमनियों पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में दिल और किडनी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
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