World Hypertension Day 2020: क्यों मनाया जाता है विश्व उच्च रक्तचाप दिवस, जानें इसका महत्व
World Hypertension Day 2020 ग़लत खानपान के चलते हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है। लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए ये दिन मनाया जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Hypertension Day 2020: हर साल 17 मई को दुनियाभर में 'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस' यानी World Hypertension Day मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देशय उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को इस साइलेंट किलर को नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
क्यों मनाया जाता है ये दिन
ग़लत खानपान के चलते व गलत आदतों के कारण हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है। लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए ये दिन मनाया जाता है। इस साल 'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस' की थीम 'अपना ब्लड प्रेशर नापें' (Measure Your Blood Pressure) है। उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसे रोका जा सकता है, लेकिन यह दुनिया भर में मृत्यु की एक बड़ी वजह बना हुआ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) के अनुसार, 2017 में पूरे भारत में 22.5 मिलियन लोगों की जांच में पाया गया कि हर आठ में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप का मरीज़ है।
क्या होता है उच्च रक्तचाप
हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप है। हमारे शरीर में मौजूद ख़ून नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी ख़ून के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज़, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है। आमतौर पर यह ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और ख़ून को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार 130/80 mmHg से ज़्यादा ख़ून का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।
जागरूकता की कमी
उच्च रक्तचाप एक साइलेंट किलर है क्योंकि ज्यादातर लोगों में इसका कोई बाहरी लक्षण और लक्षण नहीं दिखता। नियमित सिरदर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, त्वचा का फड़कना और प्रतिकूल स्थितियों में नाक बहना कुछ ऐसे मामूली लक्षण हैं, जिन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता और ऐसे यह अनियंत्रित और अनुपचारित रह जाता है। पीएलओएस मेडिसिन के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, उच्च रक्तचाप की बढ़ती प्रवृत्ति के बावजूद, निदान और उपचार बहुत कम है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित आधे से अधिक व्यक्ति इससे अनजान हैं। भारत में उच्च रक्तचाप सभी मौतों का लगभग 10.8 फीसदी और विकलांगता से प्रभावित जीवन सालों में 4.6 फीसदी का हिस्सा रखता है। इन आंकड़ों के बावजूद यह आश्चर्य की बात है कि आम जनता के बीच इस स्थिति के बारे में बहुत कम जागरूकता क्यों है!