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World Heart Day 2022: दिल की बीमारी से जुड़े 5 मिथक जिन पर कहीं आप भी तो नहीं करते भरोसा?

World Heart Day 2022 हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है ताकि लोगों को दिल की बीमारी के बारे में जागरुक किया जा सके। दिल की बीमारी आज सिर्फ बुढ़ापे का रोग नहीं है युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2022 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 05:55 PM (IST)
World Heart Day 2022: दिल की बीमारी से जुड़े 5 मिथक जिन पर कहीं आप भी तो नहीं करते भरोसा?
World Heart Day 2022: जानें दिल की बीमारी से जुड़े 5 मिथकों का सच

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Heart Day 2022: हमारा दिल शरीर के सबसे ज़रूरी अंगों में से एक है, जो सेल्स तक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाता है और अपशिष्ट उत्पादों को भी हटाता है। दिल की परेशानी के किसी भी संकेत को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह आपकी लंबी उम्र और जीवित रहने से जुड़ा है। सही डाइट, एक्सरसाइज़ करना, स्मोकिंग , शराब और जंक फूड से दूर रहना ज़रूरी ताकि आपके दिल की सेहत बनी रहे।

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हृदय रोग (CVDs) हृदय और रक्त वाहिकाओं के विकारों का एक समूह है, जिसमें कोरोनरी हृदय रोग, सेरेब्रोवास्कुलर रोग, रूमैटिक हृदय रोग और अन्य स्थितियां शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पांच में से चार से अधिक सीवीडी मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होती हैं, और इनमें से एक तिहाई मौतें कम उम्र के लोगों में देखी जाती हैं।

हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों में दिल की बीमारियों को लेकर जागरुकता पैदा की जा सके, जिससे वैश्विक बीमारी का बोझ कुछ कम हो।

आइए जानें दिल की बीमारी से जुड़े 5 मिथकों के बारे में:

मिथक-1: नौजवानों को दिल की बीमारी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। दिल की बीमारी 50 की उम्र के बाद ही होती है।

फैक्ट: आज के समय में दिल की बीमारी सिर्फ उम्र के हिसाब से नहीं होती। जवान लोग भी इससे प्रभावित होते देखे जा रहे हैं। बचपन से ही आर्टरीज़ में प्लाक जमना शुरू हो जाता है, जो आगे चलकर आर्टरीज़ को ब्लॉक करने की वजह भी बनता है। मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज़ जैसी कई बीमारियां, युवाओं में दिल की बीमारी का कारण बनती हैं।

मिथक-2: अभी मैं जवान हूं, जंक फूड खा सकता हूं। एक्सरसाइज़ की भी ज़रूरत नहीं है क्योंकि मैं फिट हूं।

फैक्ट: जंक फूड और फिज़ीकल एक्टिविटी न होना हर किसी के लिए ख़तरनाक है, फिर चाहे आपकी उम्र भी कम ही क्यों न हो। युवाओं को यह पता होना चाहिए कि उनकी खराब लाइफस्टाइल आगे चलकर उनके लिए मुसीबत बन जाएगी।

मिथक-3: मुझे डायबिटीज़ है, लेकिन कंट्रोल में है, इसलिए इससे मेरे दिल की सेहत प्रभावित नहीं होगी।

फैक्ट: डायबिटीज़ की दवाओं के साथ इसे कंट्रोल में रखने से दिल से जुड़ी बीमारियों का ख़तरा कम होता है, लेकिन ख़त्म नहीं होता। डायबिटीज़ का मतलब ही है कि आप किसी भी वक्त दिल के मरीज़ भी बन सकते हैं। इसके कुछ आम वजहों में हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, वज़न ज़्यादा होना, फिज़िकल एक्टिविटी की कमी और स्मोकिंग है।

मिथक-4: हाई कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत कम उम्र में नहीं होता। 45 की उम्र के बाद ही मुझे कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच कराने की ज़रूरत है।

फैक्ट: 20 की उम्र के बाद आपको हर 5 सालों में कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए। अगर आपके परिवार में कोलेस्ट्रॉल का इतिहास रहा है, तो आपको जांच और जल्दी शुरू कर देनी चाहिए।

मिथक-5: दिल की बीमारी से बचने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता, क्योंकि मेरे परिवार में इसका इतिहास है।

फैक्ट: यह बात सच है कि जिन लोगों के परिवार में दिल की बीमारी पीड़ियों से चल रही हैं, उनमें इसका ख़तरा बढ़ जाता है। हालांकि, आप शुरू से ही अगर हेल्दी लाइफस्टाइल चुनते हैं, तो इस ख़तरे को कम किया जा सकता है। लाइफस्टाइल को एक्टिव रखें, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखें, स्मोकिंग न करें और वज़न को बनाए रखें। इन बातों का ख्याल रखा जाए, तो दिल की बीमारी से बचा जा सकता है।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।

Picture Courtesy: Freepik/Pexel


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