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लापरवाही और सही जानकारी न होने से हो रही है डोनर्स की कमी, जानें कौन कर सकता है ब्लड डोनेट और कौन नहीं

World blood donar day 2021 पिछले और इस साल कोरोना की वजह से ब्लड डोनेट करने वालों की संख्या में बहुत कमी आई है जो चिंताजनक स्थिति है क्योंकि इससे थैलेसीमिया एनीमिया और ब्लड की बीमारियों वाले मरीजों के इलाज में बाधा आ रही है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 03:23 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 08:58 PM (IST)
रक्तदान है महादान को दर्शाती हुई तस्वीर

जब भी किसी का एक्सीडेंट या कोई सर्जरी होती है, तो सबसे पहले डॉक्टर्स या हॉस्पिटल वाले उसके घरवालों से ब्लड का इतंजाम करने की सलाह देते हैं और तब ब्लड डोनर्स की ढूंढ मचती है। रिश्तेदार, नातेदार, मित्र, पड़ोसी सबसे संपर्क साधकर उन्हें स्टैंडबाई में रख दिया जाता है। ऐसे समय में ब्लड डोनेशन, ब्लड बैंक्स आदि का महत्व हमें समझ में आता है। पिछले और इस साल रक्तदान करने वालों की संख्या बहुत कम हो गई है। रक्तदान में गिरावट की कई वजहें हैं जिनमें से एक है, नई-नई उभरती संक्रामक बीमारियां, कोविड-19 संक्रमण के डर से लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों हॉस्पिटल्स या ब्लड कलेक्शन कैम्प में जाने से कतरा रहे हैं। जिसके बारे में उन्हें जागरूक करने के जरूरत है।

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डॉ वरुण कपूर, हेड और कंसल्टेंट - ट्रांसफ्यूजन सर्विस, पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम का कहना है कि, 'गुरुग्राम में जितनी भी ब्लड बैंक हैं उनमें ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट की भारी कमी हो गयी है, जिससे रेगुलर ब्लड ट्रांसफ्यूजन वाले मरीजों के साथ-साथ थैलेसीमिया, एनीमिया और ब्लड की बीमारियों वाले मरीजों के इलाज में बाधा आ रही है। इन सबसे भी जरूरी चीज यह है कि अभी बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है और वैक्सीन लगवाने के 14 दिनों के बाद ही लोग रक्तदान करने में सक्षम हो सकते है। इसके परिणामस्वरूप ब्लड की कमी हो सकती है, जिससे इमरजेंसी सर्जरी को रोकना पड़ सकता है। इसलिए हम ब्लड डोनर से वैक्सीन लगवाने से पहले रक्तदान करने का अनुरोध करते हैं।

मार्च 2020 में शुरू हुए राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन के बाद से एकत्र किए गए ब्लड यूनिट्स और ब्लड कैम्प की संख्या में भी बहुत ज्यादा गिरावट आई है। एनबीटीसी (नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल) की सलाह के अनुसार ब्लड डोनेशन सर्विसेस को एहतियात के साथ जारी रखने की सिफारिश की गई है। फिर भी यह देखा गया है कि 45 साल से ऊपर के लोग जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है। वे भी बाहर नहीं आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि रक्तदान करने से वैक्सीन का असर कम हो जाता है। वैक्सीन लगवाने के बाद या उससे पहले रक्तदान को लेकर कई सारी अफवाह और मिथक प्रचलित हैं। चूंकि आपका शरीर लगातार एंटीबॉडी बना रहा होता है और उन्हें परिपूर्ण करने में सक्षम रहता है, इसलिए रक्त दान करने से आपके कोविड-19 वैक्सीन शॉट का प्रभाव कम नहीं होता है।'

जानें कौन कर सकता है ब्लड डोनेट?

- 18 से 65 साल के सभी स्वस्थ लोग

- 45 किलो से ज्यादा वजन वाले लोग

- डोनेशन के दौरान बॉ़डी टेम्प्रेचर और पल्स नार्मल होनी चाहिए।

- वह महिलाएं जिन्होंने बच्चे को अपना दूध पिलाना बंद कर दिया हो। या फिर जिनकी। डिलीवरी हुए एक साल हो चुका हो।

- सामान्य बीपी वाले लोग, जिनका हीमोग्लोबीन 12.5 ग्राम से ज्यादा हो।

- ब्लड डोनेशन के 15 दिन पहले तक कालरा, टायफाइड, टिटनेस आदि टीके न लगवाए हों।

- रेबीज का टीका लगवाने के एक साल के बाद

- डोनेशन से तीन महीने पहले तक मलेरिया का इलाज न चला हो।

- डोनेशन से छह महीने पहले तक कोई टैटू न गुदवाया हो।

- डोनेशन से 12 महीने पहले तक कोई सर्जरी न करवाई हो।

- किसी प्रकार का कैंसर या हार्ट डिसीज़ न हो।

- हेपेटाइटिस-बी, सी, लेप्रोसी, टीबी या एचआईवी न हो।

- एपीलेप्सी, अस्थमा, थैलीसीमिया, ब्लीडिंग डिसऑर्डर न हो।

- ड्रग एडिक्शन, जेनिटल अल्सर या डिस्चार्ज की प्रॉब्लम न हो।

- डायबिटीज है, लेकिन ओरल दवा चर रही है और शुगर कंट्रोल में है, इंसुलिन लेने वाले पेशेंट्स नहीं।

Pic credit- freepik


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