Coronavirus: क्या धूप और उमस से मर जाएगा कोरोना वायरस? अमेरिकी रिसर्च का नया दावा...
Coronavirus ट्रम्प ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ठंडे मौसम की तुलना में गर्म और उमस भरे मौसम में कोरोना वायरस के बचने की उम्मीद कम है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus: क्या गर्म और उमस वाले वातावरण में कोरोना वायरस मर जाएगा? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक नई रिसर्च के बारे में बात करते हुए कहा कि कोरोना वायरस गर्म और उमस वाले वातावरण में ज़्यादा असरदार नहीं रहता। इस ख़तरनाक वायरस के बारे में सबसे पहले दावा किया गया था कि इस पर मौसम के बदलाव का कोई असर नहीं पड़ेगा। जिसके बाद से इस विषय पर बहस जारी है।
ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि ठंडे मौसम की तुलना में गर्म और उमस भरे मौसम में कोरोना वायरस के बचने की उम्मीद कम है। ट्रम्प ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बयान दिया।
गर्म और उमस में मर जाएगा कोरोना वायरस?
डीएचएस की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार (स्थानीय समय) को कहा कि कोरोना वायरस के गर्म और नम वातावरण में जीवित रहने की कम संभावना है। यह ठंड और शुष्क मौसम के उलट है, जहां यह वायरस लंबे समय तक रहता है। व्हाइट हाउस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि डीएचएस के वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह जानकारी मिलती है कि वायरस विभिन्न तापमानों, जलवायु और सतहों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। दरअसल, यूरोपीय देशों के मुकाबले, कोरोना वायरस का एशियाई देशों में प्रभाव कम देखने को मिल रहा है।
भारत में भी वायरस का असर होगा कम?
ट्रंप ने बताया कि शोध रिपोर्ट में यह सामने आया है कि यह खतरनाक वायरस ठंडे और शुष्क वातावरण में बेहतर रूप से जीवित रहता है। वहीं, गर्म और अधिक नमी वाले वातावरण में यह सही प्रकार से जीवित नहीं रह पाता है। अगर इस रिसर्च को भारत से जोड़कर देखें, तो आने वाले महीनों में गर्मी बढ़ती जाएगी और साथ ही उमस। इसका मतलब ये है कि भारत में आने वाले दिनों में वायरस का असर खुद-ब-खुद कम होता जाएगा, और यहां तक कि ये मर भी सकता है।
धूम में तेज़ी से मरता है कोरोना वायरस
ट्रंप का समर्थन करते हुए डीएचएस में विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय के प्रमुख बिल ब्रायन ने कहा कि कोरोना वायरस धूप और नमी वाले वातावरण के संपर्क में आने पर बहुत तेज गति से मर जाता है। उन्होंने कहा कि यह वायरस धूप में जल्दी मर जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसोप्रोपाइल अल्कोहल 30 सेकंड में वायरस को मार देगा।
बिल ब्रायन ने बताया कि कुछ रुझानों को साझा करना चाहूंगा, जो हमें विश्वास है कि महत्वपूर्ण हैं। हमारा आज तक का सबसे महत्वपूर्ण अवलोकन यह है कि सूर्य की रोशनी में वायरस सतह और हवा दोनों में मरते दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि हमने तापमान और नमी में भी ऐसे ही प्रभाव देखें। हम तापमान और नमी दोनों को बढ़ा रहे हैं, जो सामान्य तौर पर वायरस के लिए कम अनुकूल है।
आपको बता दें कि अब तक दुनियाभर में 26 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के डाटा के अनुसार, अकेले अमेरिका में कोरोना के 8,60,000 मामले सामने आए हैं और 49,759 लोगों की मौत हुई है। वहीं, भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 23 हज़ार के पार पहुंच गया है।