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कोविड-19 के नए वेरिएंट 'ओमिक्रोन' और पुराने वेरिएंट 'डेल्टा' में क्या फर्क है?

WHO ने बताया कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि ओमिक्रोन पहले आए वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है या कि मौजूदा टीके इसके खिलाफ विफल हो जाएंगे। उन्होंने साथ ही ये भी साफतौर पर कहा कि इस बारे में और शोध होने की ज़रूरत भी है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 05:00 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 05:00 PM (IST)
कोविड-19 के नए वेरिएंट 'ओमिक्रोन' और पुराने वेरिएंट 'डेल्टा' में क्या फर्क है?
कोविड-19 के नए वेरिएंट 'ओमिक्रोन' और पुराने वेरिएंट 'डेल्टा' में क्या फर्क है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। नए कोविड वेरिएंट ने दुनिया भर में एक बार फिर डर पैदा कर दिया है। अचानक से आई ओमिक्रोन मामलों में बढ़ोतरी ने ज़्यादातर देशों को अपनी कोविड गाइडलाइन्स को बदलने पर मजबूर कर दिया है। कई जगह लॉकडाउन लग गया है, ताकि संक्रमण को फैलने से बचाया जा सके।

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भारत कुछ समय पहले की कोविड की दूसरी लहर से गुज़रा था, ऐसे में एक्सपर्ट्स अब कोविड के नए वेरिएंट के फैलने को लेकर चिंतित हैं। डेल्टा और ओमिक्रोन दोनों को WHO ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताया है। हालांकि, WHO के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यह मानने का कोई कारण नहीं है कि ओमिक्रोन पहले आए वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है, या कि मौजूदा टीके इसके खिलाफ विफल हो जाएंगे। उन्होंने साथ ही ये भी साफतौर पर कहा कि इस बारे में और शोध होने की ज़रूरत भी है।

क्या ओमिक्रोन ला सकता है तीसरी लहर?

भारत के लिए कोविड-19 की दूसरी लहर भयानक साबित हुई। कई लोगों ने अपनी जानें गंवाई, वहीं कई लोग 4-5 महीने बाद भी इंफेक्शन के दुष्परिणामों को झेल रहे हैं। डेल्टा वेरिएंट की वजह से देश में दूसरी लहर आई, जो अभी भी एक प्रमुख संक्रमण बना हुआ है और लोगों को संक्रमित करना जारी है। इसे सबसे पहले भारत में ही देखा गया था और अब यह कई देशों में मौजूद है। अब कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले भी तेज़ी से बढ़ते दिख रहे हैं, ऐसे में तीसरी लहर की संभावना भी बढ़ती है। नई रिसर्च के मुताबिक, कोविड की तीसरी लहर अगले साल जनवरी और फरवरी में आ सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके प्रभाव हल्के होंगे।

डेल्टा और ओमिक्रोन में क्या है फर्क

इस वक्त यह नहीं कहा जा सकता है कि कोविड या नया वेरिएंट B.1.1.529 कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है, लेकिन डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के अनुसार , ओमिक्रोन पहले आए वेरिएंट की तुलना काफी तेज़ी से फैलने की क्षमता रखता है। जिस तरीके से अचानक कोविड के मामले बढ़े हैं, उसे देख ये माना भी जा सकता है।

जीनोम सीक्वेंसिंग के नतीजों से पता चलता है कि ओमिक्रोन बाकि के डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले कही ज़्यादा म्यूटेट हो चुका है। ऐसा कहा जा रहा है कि ओमिक्रोन के स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज़्यादा म्यूटेशन पाए गए, जबकि डेल्टा में 18 म्यूटेशन थे। ऐसा माना जा रहा है कि कोविड का नया वेरिएंट वैक्सीन से मिली एंटीबॉडीज़ को भी चकमा देने में सक्षम है, जिसकी वजह से संक्रमण चेज़ी से होगा।

ओमिक्रोन के हल्के लक्षण

जहां तक लक्षणों की बात है, तो साउथ अफ्रीका से मिली शुरुआती रिपोर्ट् के अनुसार, लक्षण अजीब हैं लेकिन हल्के हैं। डॉक्टर के अनुसार, जो लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हुए उनमें कमज़ोरी, बदन दर्द और गले में ख़राश नहीं बल्कि गले में खुजली जैसे लक्षण महसूस हुए, लेकिन ये सभी हल्के थे। अभी तक ओमिक्रोन से जुड़ा ऐसा मामला नहीं देखा है जिसमें बुखार, नाक बंद या नाक का बहना शामिल हो। लक्षण अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।

वहीं, डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने पर भी हल्के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जिसमें बुखार, कमज़ोरी और खांसी शामिल है। हालांकि, ऐसे लोगों की संख्या भी ज़्यादा थी जिनके लक्षण गंभीर थे, उन्हें अस्पताल भर्ती होना पड़ा और यहां तक कि आईसीयू में एडमिट भी होना पड़ा। अभी तक ओमीक्रोन का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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