जानें कोरोना वायरस से लड़ने में कितना कारगर है हर्ड इम्युनिटी, क्यों है यह खतरनाक
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए वैज्ञानिक और डॉक्टर तमाम तरह के उपायों को खोजने में लगे हुए हैं। जिनमें से एक है हर्ड इम्युनिटी जानेंगे इसके बारे में...
एक तरह जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से भय में हैं। वहीं, दूसरी तरफ शोधकर्ता और वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं। इसके लिए वह हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सबसे पहले अमेरिका ने वैक्सीन तैयार कर परीक्षण भी किया। इसके बाद चीन ने दावा क़िया कि जापानी दवा Favipiravir कोरोना वायरस में कारगर है। वहीं, यूनाइटेड किंगडम में हर्ड इम्युनिटी के जरिए इलाज करने की बात की जा रही है। अगर आपको हर्ड इम्युनिटी के बारे में नहीं पता है तो आइए जानते है कि हर्ड इम्युनिटी क्या होता है, क्या यह कारगर है।
हर्ड इम्युनिटी क्या है ?
यह एक मेडिकल साइंस की प्रकिया है। इसके तहत किसी वायरस अथवा महामारी से बचने के लिए आबादी की 50 फीसदी से अधिक लोगों को संक्रमित किया जाता है। जो बाद में स्वतः बीमारी से लड़ने में कारगर हो जाते हैं। इसके बाद स्वस्थ व्यक्ति के शरीर से एंटीबॉडीज निकालकर दवा बनाया जाता है।
विशेषज्ञों में हर्ड इम्युनिटी को लेकर मतभेद
मेडिकल साइंस में हर्ड इम्युनिटी पर कई शोध हो चुके हैं। वहीं, कोरोना वायरस पर किए गए शोध से पता चला है कि यह वायरस कम से कम 3 लोगों को जरूर संक्रमित करता है। ऐसे में हर्ड इम्युनिटी इसका एक बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, पद्धति को लेकर विशेषज्ञों में मतभेद है। इस बारे में University of Liverpool School of Veterinary साइंस के प्रोफेशर मैथ्यू बेलिस का कहना है कि कोरोना वायरस का इलाज ऐसे नहीं होना चाहिए और इस तरीके से तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
कोरोना वायरस को कैसे निंयत्रित किया जा सकता है
इस बारे में प्रोफेशर मैथ्यू बेलिस ने कहा कि हम सोशल डिस्टैंसिग के जरिए इसे कम कर सकते हैं। इसके लिए हम घर से काम करें, स्कूल-कॉलेजस और सार्वजनिक जगहों को बंद कर देना चाहिए। अपने हाथों को नियमित अंतराल पर धोएं। इसके फैलने की मुख्य एक दूसरे के सम्पर्क में आना है।