Move to Jagran APP

Stay Home Stay Empowered: क्या होता है जब मस्तिष्क में जाता है कोरोना वायरस, न्यूरोपैथोलॉजिस्ट ने एक-एक असर के बारे में बताया

शोधकर्ता जानना चाह रहे थे कि मस्तिष्क में कोई नुकसान तो नहीं हुआ और वायरस कहां है। सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के न्यूरोलॉजी प्रमुख एस एंड्रू जोसेफसन ने बताया कि उन्हें सैंकड़ों प्रविष्टियां मिली जिसमें कहा गया कि शोधकर्ता ने कुछ अलग देखा।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 08:56 AM (IST)
Stay Home Stay Empowered: क्या होता है जब मस्तिष्क में जाता है कोरोना वायरस, न्यूरोपैथोलॉजिस्ट ने एक-एक असर के बारे में बताया
न्यूरोपैथोलॉजिस्ट पीटर डी. कैनोल और उनकी टीम ने मरीजों की मृत्यु के बाद उनके ब्रेन टिशू एकत्रित करने शुरू किए।

नई दिल्ली, विनीत शरण। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस और मस्तिष्क के रहस्यों को सुलझाना शुरू कर दिया है। महामारी की शुरुआत के वक्त से ही न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी समेत दुनिया भर के न्यूरोपैथोलॉजी विभाग इस पर अध्ययन करना चाह रहे थे लेकिन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने संक्रमण के खतरे की चेतावनी दी थी। पर दुनिया में संक्रमण बढ़ने पर कोलंबिया के न्यूरोपैथोलॉजिस्ट पीटर डी. कैनोल और उनकी टीम ने संक्रमित मरीजों की मृत्यु के बाद उनके ब्रेन टिशू एकत्रित करने शुरू किए और मार्च 2020 में शोध शुरू हुआ। इसके बाद कई मरीजों के मस्तिष्क की जांच हुई और जर्मनी में भी यह अध्ययन हुआ।

loksabha election banner

शोधकर्ता जानना चाह रहे थे कि मस्तिष्क में कोई नुकसान तो नहीं हुआ और वायरस कहां है। सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के न्यूरोलॉजी प्रमुख एस एंड्रू जोसेफसन ने बताया कि उन्हें सैंकड़ों प्रविष्टियां मिली जिसमें कहा गया कि शोधकर्ता ने कुछ अलग देखा लेकिन क्या कोरोना के संपूर्ण संक्रमण से इसका कोई संबंध था।

वायरस कैसे पहुंचता है मस्तिष्क में

वायरस नाक के रास्ते शरीर में जाता है। नोजल कैविटी के पास ही घ्राण श्लेष्मा होती है। इसके ऊपर छिद्रित हड्डी जिसे क्राइब्रीफॉर्म प्लेट कहते हैं। इसी से कोरोना वायरस मस्तिष्क कोशिकाओं यानी न्यूरॉन तक पहुंचता है। प्रयोग में साबित हुआ है कि ये मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

मस्तिष्क में गहराई तक नहीं जाता वायरस

अच्छी खबर यह है कि शोध में यह पुष्टि नहीं हुई है कि यह मस्तिष्क की गहराई तक पहुंच सकता है। अप्रैल में जर्नल ब्रेन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मरीजों के मस्तिष्क में वायरल प्रोटीन नहीं मिला है। वहीं वायरल आरएनए या तो नहीं मिला है या बेहद कम मिला है। वहीं वायरस मस्तिष्क की बाहरी मेंब्रेन (झिल्ली) में मिला है, लेकिन मस्तिष्क में नहीं।

न्यूरोलॉजिकल विवरण अज्ञात हैं

कोरोना के मस्तिष्क के प्रभाव को समझने में वर्षों लगेंगे क्योंकि वायरस के गंभीर मरीजों के मस्तिष्क में क्लॉटिंग और बड़े डैमेज जैसे निशान हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना पूरे अंग के रूप में मस्तिष्क पर सीधा हमला करता है। हालांकि इससे परे कोविड के न्यूरोलॉजिकल विवरण अज्ञात हैं। पर वे आश्वस्त हैं कि न्यूरोलॉजिकल रूप से कुछ है। जो तीव्र और गैर-तीव्र दोनों है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना वायरस हर्पीज़ सिंप्लेक्स (दाद) की तरह काम कर सकता है। आमतौर पर ठंडे घावों का कारण बनता है और कुछ मामलों में मस्तिष्क में सूजन यानी इन्सेफेलाइटिस होता है। इससे महीनों बाद भी रोगी को वायरस के कारण नहीं बल्कि ऑटोइम्यून अटैक के कारण समस्या होता है।

मृत्यु के दो कारण

मृत ऊतक से रक्त वाहिकाओं अवरुद्ध हो जाती है। वहीं कई बार प्रतिरक्षा कोशिकाओं के झुंड न्यूरॉन को खत्म करने लगता है।

मरीजों में मिले ये लक्षण

दृश्य और श्रवण गड़बड़ी, चक्कर, झुनझुनी। कुछ की सूंघने की शक्ति चली गई, या उनकी दृष्टि विकृत हो गई। वहीं कई मरीजों में ब्रेन फॉग की समस्या मिली।

क्या है ब्रेन फॉग

मरीज के सोचने और याद करने की क्षमता पर असर पड़ता है। इसमें मरीज में फोकस या ध्यान लगाने में दिक्कत होती है। ये समस्या जब गंभीर होती है तो उसे सिरोसिस या एमएस के नाम से जाना जाता है। इसमें सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। बात करने में दिक्कत, थकान या कमजोरी भी होती है। कई मरीजों को यह भी कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद उनका दिमाग पहले की तरह काम नहीं करता है। ये शोधकर्ताओं के मुताबिक अभी मस्तिष्क पर कोरोना के असर पर काफी शोध करना होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.