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जानें, किन चीजों से बनाए जा रहे हैं कोरोना हर्बल मास्क और क्या हैं खासियतें

तमिलनाडु में औषधीय गुणों से भरपूर कपास नीम और हल्दी से तैयार फेस मास्क का चलन इन दिनों जोरों पर है। कोरोना से बचने के लिए ये मास्क उत्तम विकल्प है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 03:50 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:10 PM (IST)
जानें, किन चीजों से बनाए जा रहे हैं कोरोना हर्बल मास्क और क्या हैं खासियतें
जानें, किन चीजों से बनाए जा रहे हैं कोरोना हर्बल मास्क और क्या हैं खासियतें

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना काल में जहां ज्यादातर उद्योग-धंधे सुस्त हो गए हैं, वहीं मास्क का काम चल निकला है। कोरोनावायरस से बचना है तो मास्क हर इनसान को अपने चेहरे पर लगाना ही होगा। मास्क के महत्व को जानते हुए देश और दुनिया के डिजाइनर्स ऐसे मास्क डिजाइन कर रहे हैं, जो लोगों के स्टाइल स्टेटमेंट के मुताबिक तो है ही, साथ ही वायरस से बचाव में भी उपयोगी है। दुनिया मास्क के पीछे भाग रही है और मास्क में बेस्ट वैरायटी खोज रही है, ताकि इस वायरस की चपेट में आने से बचा जा सके।

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अभी तक आपने सुना होगा कि सूती कपड़े के मास्क आपकी हिफाजत के लिए बेस्ट हैं, लेकिन तमिलनाडु में औषधीय गुणों से भरपूर कपास, नीम और हल्दी से तैयार फेस मास्क का चलन इन दिनों जोरों पर है।

कोरोना के प्रसार को देखते हुए जब पूरे देश में लॉकडाउन शुरू हुआ और मास्क अनिवार्य हो गए तो संगीता सरवनन ने फैसला किया कि वह आयुर्वेदिक मास्क हल्दी, वटी या खस की जड़ों से तैयार करके बेचेंगी।

चेन्नई में मांडेवेली की रहने वाली संगीता कहती हैं, मुझे लगता है कि मास्क में भी औषधीय गुण होने चाहिए, इसलिए वेटीवर्स मास्क लोगों के लिए कोरोना से बचने का उत्तम विकल्प है। संगीता कोयम्बटूर में एक यूनिट से मास्क की सोर्सिंग कर रही हैं और उनके मास्क तेजी से बिक रहे हैं।

इस मास्क में कपास की लेयर का इस्तेमाल किया गया है, जिसे आप चार से पांच महीनों तक कई बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी कीमत 150 रुपये है।

पुदुचेरी में उपासना के संस्थापक उमा प्रजापति कहते हैं कि उन्होंने मार्च के महीने से नीम और सिल्वर ग्रिड मास्क बनाने शुरू किए हैं। उन्होंने बताया कि वो डिस्पोजेबल मास्क से अधिक टिकाऊ मास्क बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने नीम से रंगे कपड़े के मास्क बनाना शुरू कर दिए। वायरस से बचने के लिए ये बेस्ट डिटॉक्सिफाइंग है।

उपासना ने सिल्वर ग्रिड मास्क भी बनाया। सिल्वर को क्लींजिंग और एनर्जेटिक एजेंट भी कहा जाता है। उन्होंने चांदी के धागे के ग्रिड के साथ बुने हुए एक विशेष कपड़े का मास्क बनाया है, जो वायरस से बचने में मदद करेगा। उपासने ने बताया कि हर्बल मास्क की कीमत 100 रुपये, जबकि सिल्वर मास्क की कीमत 150 रुपये है। उमा ने बताया कि पिछले दो महीनों में वह दस हजार मास्क बेच चुके हैं। 

                 Written By Shahina Noor


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