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थायराइड कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें ये योगासन

विशेषज्ञों की मानें तो गर्दन के अंदर तितली की आकार में थायराइड ग्रंथि होती है जिसे अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। यह ग्रंथि दो प्रकार के हार्मोन उत्सर्जित करती है। जब ग्रंथि से कम अथवा अधिक हार्मोन निकलने लगता है तो थायराइड की समस्या होती है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 12:03 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 12:03 PM (IST)
थायराइड कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें ये योगासन
आसान शब्दों में कहें तो विपरीत करनी आसन को उल्टा होकर किया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल डायबिटीज, मोटापा और हाइपरटेंशन की तरह थायराइड के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। इस बीमारी का मुख्य कारण थायराइड हार्मोन का अधिक उत्सर्जन है। यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है। विशेषज्ञों की मानें तो गर्दन के अंदर तितली की आकार में थायराइड ग्रंथि होती है, जिसे अवटु ग्रन्थि भी कहा जाता है। यह ग्रंथि दो प्रकार के हार्मोन उत्सर्जित करती है। जब ग्रंथि से कम अथवा अधिक हार्मोन निकलने लगता है, तो थायराइड की समस्या होती है। इस स्थिति में शरीर की सभी कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। संतुलित आहार, रोजाना एक्सरसाइज, तनाव को दूर और आयोडीन का सेवन कर थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त थायराइड कंट्रोल करने के लिए योग का भी सहारा लिया जा सकता है। प्राचीन समय से सेहतमंद रहने के लिए योग किया जाता है। योग के कई प्रकार हैं। इनमें कुछ आसन थायराइड कंट्रोल करने के लिए  उपयोगी माना जाता है। आइए जानते हैं-

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विपरीत करनी आसन

यह हिंदी के दो शब्दों से मिलकर बना है। विपरीत यानी उल्टा और आसन यानी मुद्रा। आसान शब्दों में कहें तो विपरीत करनी आसन को उल्टा होकर किया जाता है। इस योग को करने से मेटाबॉलिक गतिविधि में सक्रियता आती है। इससे ग्रंथियां एवं हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद मिलती है। विपरीत करनी आसन करने से शरीर को आराम मिलता है और दिमाग शांत होता है। इससे स्ट्रेस हार्मोन घटता है। तनाव मुख्य वजह है, जिसके चलते थायराइड की समस्या होती है।

कैसे करें विपरीत करनी

अपने कमरे में जमीन पर दीवार के सहारे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को दीवार पर टिका दें। जैसा आप तस्वीर में देख पा रहे हैं। इस दौरान आपका शरीर 90 डिग्री की मुद्रा में होना चाहिए। अपने हाथों को बगल में रखकर आराम महसूस करें और तकरीबन 15 मिनट तक गहरी सांस लें। इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पहली की मुद्रा में आ जाएं।

चक्रासन करें

इसके अलावा आप चक्रासन का भी सहारा ले सकते हैं। इसे करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, जिससे थायराइड ग्रंथि में ऊर्जा का संचार होता है। यह आसन करना थोड़ा कठिन होता है। इसके लिए विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही चक्रासन करें। वहीं, विपरीत करनी करना बेहद आसान है। अतः शारीरिक क्षमता और सेहत के हिसाब से इन योगासन को करें।  

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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