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Coronavirus: लॉन्ग कोविड का यह एक लक्षण सिर्फ रात के समय करता है परेशान!

Coronavirus कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी है जो सभी को अलग तरह से प्रभावित करती है। कई लोग इससे जल्दी रिकवर हो जाते हैं तो कई को हफ्तों लग जाते हैं। कई लोग रिकवरी के बाद के इसके लक्षणों से परेशान रहते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 04:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 05:08 PM (IST)
Coronavirus: लॉन्ग कोविड का यह एक लक्षण सिर्फ रात के समय करता है परेशान!
Coronavirus: अनिद्रा भी लॉन्ग कोविड का एक लक्षण है

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus: कोविड-19 संक्रमण से जुड़ी ऐसी कई दिक्कते हैं, जो लंबे समय तक लोगों को परेशान करती रहती हैं। हालांकि, वैज्ञानिक और मेडिकल प्रोफेशनल्स आज भी इस बात का जवाब खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि यह स्थिति होती ही क्यों है। कुछ एक्सपर्ट्स इसके पीछे कुछ ऑटो-एंटीबॉडीज़- एंटीबॉडी की उपस्थिति को ज़िम्मेदार ठहराते हैं, जो गलती से किसी व्यक्ति के अपने ऊतकों या अंगों को लक्षित करते हैं, अन्य मानते हैं कि यह रोगियों में उच्च वायरल लोड के कारण है।

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लेकिन कुछ भी कहो, लंबे समय तक कोविड का परेशान करना एक ऐसी स्थिति बन गई है, जो लोगों को हफ्तों या महीनों तक प्रभावित कर सकती है।

क्या है लॉन्ग कोविड?

लॉन्ग कोविड एक ऐसी स्थिति है, जो उन लोगों को प्रभावित करती है, जो SARs-CoV-2 से संक्रमित हो चुके गैं, लेकिन रिकवर भी हो गए हैं। हालांकि, रिकवरी के बाद भी कई ऐसे लक्षण होते हैं, जो लंबे समय तक उन्हें परेशान करते रहते हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, 80 प्रतिशत लोग जिन्हें हल्का कोविड संक्रमण होता है, वे दो हफ्ते में रिकवर हो जाते हैं। वहीं बाकी के लोग जिन्हें गंभीर कोविड होता है, उन्हें ठीक होने में तीन से 6 हफ्ते लग जाते हैं। एक्सपर्ट्स ने कई तरह के लक्षण बताए हैं जो लॉन्द कोविड से जुड़े हुए हैं। इसमें थकावट, मांसपेशियों में दर्द, ब्रेन फॉग, सांस लेने में दिक्कत और सांस फूलना जैसी परेशानियां शामिल हैं।

रात में दिखता है लॉन्ग कोविड का यह लक्षण

एक्सपर्ट्स ने लॉन्ग कोविड का एक और लक्षण देखा है, जो कई लोगों को रात में ही परेशान करता है। यह है नींद से जुड़ी समस्याएं या अनिद्रा। नींद की बीमारी उन रोगियों के लिए सबसे आम लक्षणों में से एक है, जिन्हें कोविड-19 हो चुका है। कोविड से संक्रमित हो चुके लोग अक्सर अनिद्रा, थकावट, ब्रेन फॉग और कई बार circadian rhythm disorders की शिकायत भी करते हैं।

क्या आपने कोरोनासोमनिया का नाम सुना है?

कोरोना वायरस से प्रभावित होने के बाद नींद न आने की दिक्कत से जूझने को कोरोनासोमनिया कहा जाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान नींद न आने की समस्याओं को बढ़ता देखा गया है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 40% लोगों ने महामारी के परिणामस्वरूप नींद न आने की समस्या का अनुभव किया। इसके पीछे महामारी से संबंधित तनाव, चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां ज़िम्मेदार हैं।

क्लीवलैंड क्लिनिक बताता है कि अब तक कोविड-19 के 50 से अधिक लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों की पहचान की जा चुकी है। पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), चिंता और अनिद्रा जैसे न्यूरोसाइकिएट्रिक लक्षण समय के साथ बिगड़ सकते हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना ​​​​है कि तनाव को कम करना और चिंता को प्रबंधित करना, नींद से जुड़ी समस्याओं को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। फिर चाहे वो कोविड-19 की वजह से हो या फिर अन्य बीमारियों से।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Credit: Freepik/ Pexels


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