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दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर के खतरे को कम करते हैं किचन में मौजूद ये मसाले

क्या आप जानते हैं कि स्वस्थ और निरोग रखने में किचन में मौजूद मसाले का रोल भी बहुत खास होता है। सब्जी से लेकर रायते में पड़ने वाले इन मसालों की खूबियां जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 09:11 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 01:48 PM (IST)
दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर के खतरे को कम करते हैं किचन में मौजूद ये मसाले
दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर के खतरे को कम करते हैं किचन में मौजूद ये मसाले

मानसून कुछ ही दिनों में दस्तक देने वाला है। बारिश का मौसम सुहावना तो लगता है, लेकिन यह सर्दी-जुकाम, वायरल बुखार जैसी अनेक मौसमी बीमारियों का खतरा भी साथ लाता है। अच्छी बात है कि हमारे किचन में मौजूद मसालों में भरपूर एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं जो मौसमी बीमारियों के संक्रमण से महफूज रखने के साथ ही दिल की बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर के खतरे को भी कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जानेंगे ऐसे ही कुछ मसालों के बारे में।

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हल्दी

यह सिर्फ शुभता का प्रतीक ही नहीं, बल्कि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में भी इसकी अहम भूमिका है। हल्दी में प्राकृतिक रूप से एंटीइंफ्लेमटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी वजह से इसका सेवन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। हल्दी में मौजूद करकुमिन नामक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट हमारी कोशिकाओं को नष्ट होने से रोकता है और नई कोशिकाओं के निर्माण में तेजी लाकर एजिंग की रफ्तार को धीमा करता है। बारिश के मौसम में रोगों का संक्रमण तेजी से फैलता है। ऐसे में गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पीने से बीमारियों से बचा जा सकता है। यही नहीं यह कैंसर कोशिकाओं को न सिर्फ बढ़ने से रोकता है, बल्कि उसके उपचार में भी इसकी भूमिका है। विभिन्न शोध-अध्ययनों में यह भी कहा गया है कि करकुमिन तनाव और दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। हल्दी में ऐसे तत्व होते हैं, जो हमारी याददाश्त को दुरुस्त रखने के साथ ही पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम करते हैं।

जीरा

दाल में जब तक जीरे का तड़का न लगे तब तक उसके स्वाद में कमी सी लगती है। इसके तड़के के साथ सब्जियों और रायते का न सिर्फ जायका बढ़ जाता है, बल्कि हमारा पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। दरअसल जीरा डाइजेस्टिव प्रोटिन्स की सक्रियता को बढ़ाकर हमारे हाजमे को बेहतर बनाता है। इसमें आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गौरतलब है कि मात्र एक टीस्पून जीरा हमारी रोजाना की आयरन की 20 प्रतिशत जरूरत को पूरा करता है। जीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज और मेगालोमिसिन नामक एंटीबॉयोटिक तत्व पाया जाता है। इनकी वजह से फंगल इंफेक्शन से बचाव होता है और भोजन में बैक्टीरिया भी शीघ्र नहीं पनपते। जीरे का इस्तेमाल भले ही भोजन में सिर्फ तड़का लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसमें मौजूद औधषीय गुण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित रखते हुए दिल की बीमारियों और डायबिटीज का खतरा भी कम करते हैं। विभिन्न शोध-अध्ययनों से इस बात की भी पुष्टि की गई है कि जीरे में मौजूद मिनरल्स राइबोफ्लेविन, जीजानथिन, विटामिन बी6 और नियासिन इत्यादि की याददाश्त बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। याददाश्त बेहतर बनाने के लिए थोड़ी मात्रा में भुने हुए जीरे का सेवन नियमित कर सकती हैं।

अजवाइन

इसका इस्तेमाल अक्सर लोग दर्द से राहत, एसिडिटी, पाचन संबंधी दिक्कतें दूर करने के लिए करते हैं। मानसून के दौरान इसका सेवन सर्दी, बुखार और फ्लू से भी बचाव में मदद करता है। पानी में एक टीस्पून अजवाइन को उबालकर पीने से बारिश में बीमारियों के संक्रमण और बुखार से बचाव होगा। आजवाइन में मौजूद कंपाउंड नियासिन और थाइमोल की वजह से हृदय तक रक्त संचार सुचारु रूप से होता है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। आजवाइन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज हमें फूड पॉइजनिंग से दूर रखने में मदद करते हैं। शोध-अध्ययनों से इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि आजवाइन के सेवन से पेप्टिक अल्सर से भी बचाव सुनिश्चित होता है। अनियमित पीरियड्स, दर्द और ऐंठन की तकलीफों से भी राहत देता है आजवाइन का सेवन। इसके लिए इसे एक टीस्पून आजवाइन को रात में एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह उठकर इस पानी को गुनगुना करके पिएं। इससे आपको न सिर्फ पीरियड्स संबंधी दिक्कतों से राहत मिलेगी, बल्कि वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।

हींग

व्यंजनों में हींग का तड़का और इसकी खुशबू ही भूख बढ़ा देती है। बारिश के मौसम में तो इसका विशेषकर सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीवायरल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती हैं। हींग का सेवन पाचन को दुरुस्त रखने, गैस, पेट फूलने जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है। इसके साथ ही हींग में मौजूद एंटीवायरल कंपाउंड बारिश के दिनों में फ्लू, गले में इंफेक्शन और सूखी खांसी से बचाते हैं। हींग को भोजन में शामिल करने का एक अन्य फायदा है कि यह पैनक्रियाज कोशिकाओं की सक्रियता बढ़ाकर इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है। माइग्रेन और सिरदर्द से राहत के लिहाज से भी हींग का सेवन लाभकारी है। इसके सेवन का एक तरीका यह भी है कि गुनगुने पानी में एक चुटकी हींग घोलकर सुबह खाली पेट पी सकती हैं।


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