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कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों के साथ डेंटिस्ट को भी लाने होंगे ये जरूरी बदलाव

90 फीसद से अघिक बीमारियों के लक्षण मुंह से ही पता लग जाते हैं। इसलिए कोरोना काल में लोगों को अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। हो सके तो डॉक्टर्स से स्मार्टफोन या लैपटॉप के जरिए ही सलाह ले

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 12:00 PM (IST)
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों के साथ डेंटिस्ट को भी लाने होंगे ये जरूरी बदलाव
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों के साथ डेंटिस्ट को भी लाने होंगे ये जरूरी बदलाव

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए डेंटिस्ट्स को बदलाव लाना होगा क्योंकि सबसे ज्यादा कोरोना के वायरस मुंह की लार में होते हैं और इलाज के दौरान इससे संक्रमण के चांसेज बढ़ जाते हैं। इलाज के दौरान मुंह से निकला पानी जमीन पर गिरा तो दूसरों को संक्रमित कर सकता है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में डेंटिस्ट्स चुनौती भरा काम हो गया है। इससे बचाव के लिए लोगों को टेली डेंस्टिररी का यूज करना होगा।

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खतरनाक हैं जमीन पर गिरी बूंदें

अक्सर इलाज के दौरान मरीज के मुंह से लार और खून के हिस्से जमीन पर गिरते हैं। यह बेहद खतरनाक माना जाता है। यह बूंदे दूसरों को संक्रमित कर सकती हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि मुंह की समस्या पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। यही वह है कि 90 फीसद से अघिक बीमारियों के लक्षण मुंह से ही दिखाई पड़ जाते हैं। इसलिए कोरोना काल में लोगों को भी अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। हो सके तो डॉक्टर्स से स्मार्टफोन या लैपटॉप के जरिए सलाह ली जा सकती है।

दांत के मरीजों के चेकअप के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आसान नहीं होता है, अगर मसूड़ों का सूजन, मुंह के अल्सर और अन्य जांच करानी है तो डॉक्टर और सहायक को पास ही रहना होगा।

इसका करना होगा पालन

* दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए। चिपचिपी चीज़ों जैसे चॉकलेट आदि से दूर रहना चाहिए।

* गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करना फायदेमंद हो सकता है।

* टूथब्रश करने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धुल लेना चाहिए।

* ब्रश को भी अच्छी तरह से धुलकर ही इस्तेमाल करें और बाद में बंद कर रखें।

* डॉक्टर के पास जाना बहुत ही जरूरी हो तो मास्क लगाकर जाएं।

संक्रमण से बचने के लिए इनको अपनाना होगा

1. भीड़ से बचने के लिए मरीजों का टाइम स्लॉट तय करना होगा।

2. चेकअप या इलाज के लिए पीपीई किट पहनना होगा।

3. इंट्रा ओरल एक्स-रे से बचें।

4. एयरोसाल कम से कम करने की तरकीब निकालें।

5. थ्री वे सीरिंज यूज करने से बचें।

6. सर्जिकल उपकरणों को डिसइंफेक्ट करें।

डॉ वीवी सिंह (एचओडी, दंत चिकित्सा विभाग, एमएलएन मेडिकल कॉलेज)


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