गर्भवती महिलाएं सेहतमंद रहने के लिए अपनी डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करें
ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजों को खाने से बच्चे के मस्तिष्क का विकास सही से होता है। फैटी फिश यानी तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटी-ऑक्सीडेटिव एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण पाए जाते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अक्सर महिलाएं घर की जिम्मेवारी संभालने के चक्कर में अपना ख्याल रखना भूल जाती हैं। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो हार्मोनल चेंजेस के चलते महिलाएं ज़िंदगी में कई अलग-अलग स्टेज से गुजरती हैं। इनमें मासिक धर्म, गर्भावस्था, मातृत्व और मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति शामिल हैं। इसके लिए महिलाओं को सेहत को लेकर एक्टिव रहना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सही दिनचर्या, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद जरूरी है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ और खुश रहते हैं। डॉक्टर्स हमेशा गर्भवती महिलाओं को कई चीजें खाने की सलाह देते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
ब्रोकली
फाइबर रिच युक्त चीजों को खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे कब्ज, बदहजमी, गैस समेत पेट के सभी विकारों से निजात मिलता है। इसके लिए डाइट में हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक और केल को जरूर शामिल करें। इनमें फाइबर के अतिरिक्त फोलेट, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम भी पाए जाते हैं।
साल्मन
ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजों को खाने से बच्चे के मस्तिष्क का विकास सही से होता है। फैटी फिश यानी तैलीय मछली में उच्च मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटी-कार्सिनोजेनिक के गुण पाए जाते हैं। ये गुण मस्तिष्क को सभी प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं। इसके लिए साल्मन, टूना, हेररिंग्स मछलियों का सेवन कर सकते हैं।
बेरीज
जानकारों की मानें तो बेरीज में विटामिन सी, पोटैशियम,फ्लेवोनॉयड, विटामिन सी, एंथोसियानि घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, फाइटोकेमिकल, फोलेट, केंफेरॉल समेत कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध होते हैं। इसके लिए बेरीज को पावरहाउस भी कहा जाता है। इसके सेवन से कब्ज, मोटापा, मधुमेह, कैंसर आदि रोगों में आराम मिल सकता है। साथ ही इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। अत: गर्भवती महिलाएं रोजाना बेरीज का सेवन करें। चाहे तो सलाद या स्मूदी के रूप में भी बेरीज का यूज कर सकते हैं।
पालक
डॉक्टर्स हमेशा गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी को दूर करने के लिए डाइट में पालक शामिल करने की सलाह देते हैं। पालक में ल्यूटिन, पोटैशियम, फाइबर, फ़ोलेट और विटामिन-इ पाए जाते हैं। इसके सेवन से न केवल आयरन की कमी दूर होती है, बल्कि पोटैशियम के रहने से उच्च रक्तचाप भी कंट्रोल में रहता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।