Winter Food Precautions: सर्दियों में जायफल और लाल सोयाबीन जान भी ले सकते हैं, खाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
Nutmeg And Red Soybean Eating To Be Dangerous For Health धारणा है कि सर्दियों में कुछ भी खाओं सब पच जाता है। आपका यह भ्रम जायफल और लाल सोयाबीन तोड़ देगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। Nutmeg And Red Soybean Eating To Be Dangerous For Health: आमतौर पर सर्दियों में लोगों की भूख अन्य मौसम की अपेक्षा ज्यादा खुल जाती है। धारणा है कि सर्दियों में कुछ भी खाओं सब पच जाता है और स्वास्थ्य बेहतर हो जाता है। अगर आप इस भ्रम में जी रहे हैं तो जायफल और लाल सोयाबीन यह धारणा तोड़ देगा। रिसर्च के मुताबिक यह दोनों वस्तुएं आपको अस्पताल का रास्ता दिखा सकती हैं और आपकी जान को भी खतरा पहुंच सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ठंड में शरीर में खास तरह के हार्मोंस बनते हैं जो किसी भी तरह के खाने से पाचन तंत्र को बिगड़ने नहीं देते हैं। लेकिन, कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जिनको खाने में बरती गई लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। तमाम शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि लाल सोयाबीन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। इसमें खास तरह की वसा की मात्रा अधिक होने के चलते इसे पचा पाना मुश्किल होता है।
रिसर्च के मुताबिक सोयाबीन या अन्य तरह की बींस को प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज की मात्रा अधिक होने के चलते खाया जाता है। वहीं, लाल सोयाबीन में शरीर को फायदा पहुंचाने वाले इन सभी तत्वों के अलावा फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस फैट को आसानी से पचा पाना मुश्किल होता है। इसे खाने के लिए 12 घंटे तक पानी में रखने के बाद उबालना भी चाहिए। इसके बाद ही इसे खाया जा सकता है लेकिन मात्रा तब भी कम रखनी चाहिए।
इसी तरह इंडोनेशिया में भारी मात्रा में पैदा होने वाले जायफल की अधिक मात्रा किसी को भी बीमार बना सकती है। पेड़ों पर होने वाला यह फल आमतौर पर नॉनवेज खाने में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कई बार इसे आलू के अलावा भी कुछ रेसीपीज में इस्तेमाल किया जाने लगा है। रिसर्चर मानते हैं कि इसकी थोड़ी सी भी ज्यादा मात्रा पाचन तंत्र को खराब कर सकती है।
जायफल की ज्यादा मात्रा का सेवन करने पर व्यक्ति को उल्टियां और दस्त शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा सांस में दिक्कत और सीने में दर्द भी होने लगता है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसकी ज्यादा मात्रा किसी भी व्यक्ति को पागल भी कर सकती है। बेहद गर्म होने के चलते मनुष्य का माइंड न्यूरोलॉजी सिस्टम बिगड़ने लगता है और वह मानसिक संतुलन खो बैठता है।