नाइट शिफ्ट से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा, लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव लाकर करें सुधार
नाइट शिफ्ट में जगे रहने के लिए लोग चाय कॉफी का सहारा लेते हैं। ये चीज़ें बेशक कुछ देर के लिए आपकी नींद गायब कर देती हैं लेकिन साथ ही साथ डायबिटीज को भी बढ़ाने का काम करती है।
डायबिटीज़ एक ऐसी लाइफस्टाइल डिज़ीज़ है, जिससे शहरी आबादी का बड़ा हिस्सा प्रभावित है। आमतौर पर खानपान की गलत आदतों को इसके लिए जि़म्मेदार माना जाता है लेकिन हाल ही में अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार लंबे समय तक लगातार शिफ्ट ड्यूटी करने वाले लोगों में भी डायबिटीज़ की आशंका बढ़ जाती है। हाल ही में जर्नल ऑफ द अमेरिकन ऑस्टियोपेथिक एसोसिएशन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार रात में जाग कर काम करने वाले लोगों में मेटाबॉलिक सिंंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है, जिससे उनका पैनक्रियॉज़ भोजन से मिलने वाले ग्लूकोज़ को एनर्जी में परिवर्तित नहीं कर पाता। इसी वजह से उनके ब्लड में शुगर लेबल बढ़ जाता है, जिससे डायबिटीज़ और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। अत: ऐसी समस्या से बचने के लिए नाइट शिफ्ट के बाद लोगों को दिन में पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। स्वस्थ खानपान अपनाते हुए, नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करना भी ज़रूरी है।
कई बार नाइट शिफ्ट में जगे रहने के लिए लोग चाय, कॉफी का सहारा लेते हैं। ये चीज़ें बेशक कुछ देर के लिए आपकी नींद गायब कर देती हैं लेकिन साथ ही साथ डायबिटीज को भी बढ़ाने का काम करती हैं। हालांकि दिन में भी लोग थकान को मिटाने के लिए चाय, कॉफी ही पीना पसंद करते हैं लेकिन नाइट शिफ्ट में इसकी क्वांटिटी ज्यादा बढ़ जाती है।
डॉक्टर की राय
यह सच है कि शिफ्ट ड्यूटी करने वाले लोगों में अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खानपान और एक्सरसाइज़ की कमी के कारण डायबिटीज़ के साथ ही मोटापे की भी आशंका बढ़ जाती है लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले हर व्यक्ति के साथ ऐसी समस्या हो। जीवनशैली और खानपान की आदतों में सुधार लाकर ऐसी कई सारी बीमारियों से बचाव संभव है। सेहत सबसे बड़ा धन है।
डॉ.आशुतोष गोयल, एंडोक्रोनोलॉजिस्ट (पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम)