कोरोना संक्रमण को लेकर नई रिसर्च- बच्चे भी हो सकते हैं लॉन्ग कोविड-19 से ग्रस्त, ये हैं लक्षण
सर्वे के दौरान प्रतिभागियों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक लांग कोविड की परिभाषा के आधार पर इसके 23 सर्वसामान्य लक्षणों के बारे में सवाल किए गए थे। ये लक्षण दो महीने से ज्यादा समय तक बने रहे थे।
लंदन, प्रेट्र। बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण का गंभीर संक्रमण कम ही होता है, लेकिन एक नए अध्ययन में सामने आया है कि वे भी लॉन्ग कोविड से ग्रस्त हो सकते हैं। उनमें कोविड-19 के लक्षण दो महीने तक दिख सकते हैं। यह अध्ययन द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। डेनमार्क में 0-14 वर्ष के बच्चों पर लॉन्ग कोविड के असर पर किया गया यह अध्ययन इस मामले में अब तक के सबसे बड़े सैंपल साइज का है। कोविड-19 पाजिटिव केसों की तुलना कंट्रोल ग्रुप के साथ की गई, जिन्हें यह बीमारी नहीं थी।
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हास्पिटल, डेनमार्क की प्रोफेसर सेलिना किक्केनबोर्ग बर्ग ने बताया कि हमारे अध्ययन का मकसद यह पता करना था कि बच्चों और शिशुओं पर लंबे समय तक कोविड के लक्षण किस प्रकार से असर डालते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे अध्ययन से पता चला कि कोविड-19 पाजिटिव बच्चों में रोग के लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं और कंट्रोल ग्रुप के बच्चों की तुलना में उनके जीवन की गुणवत्ता हर पहलू पर अधिक दुष्प्रभाव होता है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले के लांग कोविड के बारे में अधिकांश अध्ययन किशोरों पर केंद्रित रहे हैं और उनमें नवजातों और छोटे बच्चों का प्रतिनिधित्व कम रहा है, लेकिन इस अध्ययन के तहत किए गए सर्वे में जनवरी, 2020 से जुलाई, 2021 के बीच कोविड-19 से संक्रमित हुए 0-14 वर्ष के बच्चों पर सर्वे किया गया। इसके तहत कोविड-19 पाजिटिव हुए करीब 11 हजार बच्चों के डाटा जुटाए गए और उनकी तुलना कंट्रोल ग्रुप के 33 हजार से ज्यादा बच्चों के साथ की गई, जो कभी कोरोना संक्रमित नहीं हुए थे।
सर्वे के दौरान प्रतिभागियों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, लांग कोविड की परिभाषा के आधार पर इसके 23 सर्वसामान्य लक्षणों के बारे में सवाल किए गए थे। ये लक्षण दो महीने से ज्यादा समय तक बने रहे थे। इसमें 0-3 साल के बच्चों में सबसे अधिक मिजाज का बदलना, चकत्ते और पेट दर्द के लक्षण होने की बात सामने आई, जबकि 4-11 वर्ष के बच्चों में मिजाज में बदलाव के अलावा किसी बात को याद करने या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और चकत्ते की भी शिकायत रही।
वहीं, 12-14 वर्ष के बच्चों में थकावट, मिजाज का बदलना तथा याद करने या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी जैसे लक्षण आम थे। यह भी पाया गया कि 0-3 वर्ष उम्र वर्ग के 40 प्रतिशत (1,194 में 478) बच्चों में संक्रमण के लक्षण दो महीने या इससे अधिक समय तक बने रहे। वहीं, 4-11 वर्ष उम्र वर्ग में यह परेशानी 38 प्रतिशत (5,023 में से 1,912) बच्चों में और 12-14 वर्ष उम्र वर्ग में 46 प्रतिशत (2,857 में से 1,313) बच्चों में यह परेशानी बनी रही।