National Dengue Day 2020: डेंगू का मच्छर होता है सबसे अलग, काटने के इतने दिन बाद चलता है पता!
National Dengue Day 2020 डेंगू बरसात के मौसम और उसके बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज़्यादा फैलता है क्योंकि तभी मच्छरों को पनपने की अनुकूल परिस्थितियां मिलती हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। National Dengue Day 2020: हर साल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाता है। इस दिन डेंगू मच्छर और उससे होने वाली जानलेवा बीमारियों के बारे में जागरुकता फैलाई जाती है। मई के महीना खत्म होने से पहले भारत में मॉनसून दस्तक दे देता है और यही वो मौसम होता है जब सबसे ज़्यादा डेंगू के मच्छर पनपते हैं।
देश में मॉनसून शुरू होने के साथ ही डेंगू होने का ख़तरा भी बढ़ने लगता है। दरअसल, डेंगू बरसात के मौसम और उसके बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज़्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। ऐसे में आपको इस वक्त सबसे ज़्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। बता दें कि डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से काफी अलग होता है। ऐसे में जानते हैं डेंगू के मच्छर में क्या अलग होता है।
कैसा होता है डेंगू का मच्छर?
जिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है, उस मच्छर का नाम होता है माजा एडीज मच्छर। अगर इस मच्छर के दिखने की बात करें तो यह दिखने में भी सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है। यह मच्छर अक्सर रोशनी में ही काटते हैं। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। वहीं अगर रात में रोशनी ज्यादा है तो भी यह मच्छर काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त इन मच्छरों का ज्यादा ध्यान रखें।
एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता। इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है। इसलिए शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनें ताकि मच्छर से बच सके। सुबह के वक्त पांवों को पूरा ढककर रखें। डेंगू के मच्छर गंदी नालियों में नहीं बल्कि साफ सुथरे पानी में पनपते हैं, साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है।
कब चलता है पता?
डेंगू का मच्छर काटते ही आपको डेंगू के लक्षण नहीं दिखने लगेंगे, जबकि कुछ दिनों बाद आप पर इसका प्रभाव हो सकता है। एडीस मच्छर द्वारा काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज़ में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। दुनिया भर में मच्छरों की करीब 3 हजार 500 प्रजातियां पाई जाती हैं। लेकिन इनमें से ज़्यादातर नस्लें इसानों को बिल्कुल परेशान नहीं करतीं। मच्छरों की सिर्फ छह फ़ीसद प्रजातियों की मादाएं अपने अंडों के विकास के लिए इंसानों का खून पीती हैं।